हिमाचल में अधिकारियों के तबादलों की आहट है। सीएम सुक्खू ने इस संबंध में संकेत दिए हैं। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Officer Transfer, हिमाचल प्रदेश में मुख्य सचिव पद पर वरिष्ठ आइएएस अधिकारी संजय गुप्ता की नियुक्ति के बाद सरकार में अब बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल होने की संभावना है। बुधवार को प्रदेश सरकार ने 1988 बैच के आईएएस अधिकारी संजय गुप्ता को मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्य सचिव की नियुक्ति के साथ ही सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में दो वर्ष या इससे अधिक अवधि से एक स्थान पर बैठे अधिकारियों के तबादले होंगे। तबादले करने के पीछे पंचायतीराज चुनाव मुख्य वजह है। ऐसे अधिकारी बदले जाएंगे, जो निर्धारित समयावधि से एक स्थान पर बैठे हुए हैं।
प्रदेशभर में 200 से अधिक अधिकारी प्रशासनिक तंत्र का संचालन करते हैं। इनमें लगभग 35 एसडीएम, 12 उपायुक्त और करीब 150 विभिन्न विभागों के अन्य अधिकारी शामिल हैं। तबादलों के पीछे तर्क है कि कई उपमंडलों में एसडीएम दो साल से ज्यादा समय से कार्यरत हैं। इसी तरह कुछ जिलों में उपायुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी लंबे समय से जमे हुए हैं।
70 प्रतिशत अधिकारियों का तबादला तय
ऐसे में पंचायत चुनावों की घोषणा से पहले प्रशासनिक स्तर पर बदलाव जरूरी है, ताकि निष्पक्ष और प्रभावी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके। यही वजह है कि सरकार ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। सबसे पहले उन जिलों और उपमंडलों में तबादले होंगे, जहां अधिकारी तीन साल से अधिक समय से डटे हुए हैं। ऐसे मामलों में 70 फीसदी से अधिक अधिकारियों का स्थानांतरण तय माना जा रहा है।
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मुख्यमंत्री दे चुके हैं संदेश
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ही कह चुके हैं कि उनकी सरकार जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमित तबादले करेगी। मुख्य सचिव संजय गुप्ता के कार्यभार संभालते ही तबादलों की यह प्रक्रिया तेज होने वाली है।
इन जिलों में दो साल से अधिक समय से बैठे हुए हैं एसडीएम
- जिला कांगड़ा: प्रदेश के सबसे बड़े कांगड़ा जिला में धर्मशाला, पालमपुर और नगरोटा बगवां के एसडीएम दो साल से ज्यादा समय से कार्यरत हैं। इनका तबादला लगभग तय माना जा रहा है।
- जिला मंडी: दूसरे बड़े जिला मंडी के तहत आने वाले सुंदरनगर और सरकाघाट के एसडीएम बदलने की संभावना है। डीसी मंडी भी तबादला सूची में बताए जा रहे हैं।
- जिला शिमला: राज्य मुख्यालय के तहत आने वाले शिमला जिला में ठियोग और चौपाल में लंबे समय से तैनात एसडीएम इधर से उधर हो सकते हैं।
- जिला सोलन: प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक जिला सोलन के तहत आने वाले नालागढ़ व अर्की के एसडीएमों का ट्रांसफर लगभग पक्का माना जा रहा है।
- जिला ऊना: उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के गृह जिला ऊना में हरोली और गगरेट उपमंडल के अफसरों का तबादला संभावित है।
- जिला चंबा: जिला चंबा के तहत आने वाले दो उपमंडलों भरमौर और तीसा के एसडीएम भी सूची में शामिल बताए जा रहे हैं।
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क्यों जरूरी हैं तबादले
सरकार में 70 फीसदी से ज्यादा अधिकारी ऐसे हैं, जो तीन साल से अधिक समय से एक ही जगह पर कार्यरत हैं। इससे प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। पंचायत चुनावों को देखते हुए सरकार चाहती है कि अधिकारियों का फेरबदल कर नई ऊर्जा और पारदर्शिता लाई जाए।
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