आरा शहर में हटाया गया अतिक्रमण। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, आरा। डीएम तनय सुल्तानिया के निर्देश पर मंगलवार को शहर में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान चलाया गया।
सिंडिगेट से लेकर चौक, सब्जी मंडी, पड़ाव, बड़ी मस्जिद समेत कई व्यस्त शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाया गया। इससे हड़कंप की स्थिति रही।
जिला प्रशासन का स्पष्ट संदेश था कि सड़क और सार्वजनिक स्थलों पर अवैध अतिक्रमण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अभियान से मचा रहा हड़कंप
अतिक्रमण अभियान के दौरान नगर निगम और प्रशासनिक टीम ने सड़क किनारे फैले अवैध कब्जों को हटाया तथा फुटपाथ दुकानदारों और दुकानों के बाहर रखी वस्तुओं को ज़ब्त किया।
कई स्थानों पर दुकानों द्वारा अतिक्रमण कर रास्ते को संकीर्ण कर देने की शिकायतें पहले से मिल रही थीं, जिसके आलोक में यह कार्रवाई की गई।
नियमों की अनदेखी करने वालों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध आगे भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जिला पदाधिकारी ने दिया है।
जिलाधिकारी ने शहरी प्रबंधन इकाई को जनहित में प्रभावी कार्रवाई जारी रखने को कहा है। साथ ही फॉलोअप टीम को निरंतर सक्रिय रहने तथा हटाए गए अतिक्रमण को पुनः स्थापित होने से रोकने का निर्देश दिया है।
डीएम ने कहा-शहर को सुव्यवस्थित रखना प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि शहर को जाम और अव्यवस्था से मुक्त कराना प्रशासन की प्राथमिकता है और इसे हर हाल में सफल बनाया जाएगा।
अतिक्रमण अभियान के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी, ताकि किसी भी तरह की बाधा या विरोध की स्थिति में तुरंत नियंत्रण किया जा सके।
हालांकि, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पुलिस को भीड़ हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। कई जगह पुलिस तितर-बितर होती दिखी, जिससे नगर निगम के अधिकारियों का मनोबल क्षणभर के लिए डगमगाता नज़र आया।
बावजूद इसके, अधिकारी अपने मिशन में जुटे रहे और अभियान को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया। नगर निगम की ओर से जो लोग अपने स्तर पर अतिक्रमण हटाने में सहयोग नहीं कर रहे थे, उनके खिलाफ तत्काल जुर्माना वसूला गया।
निगम ने साफ कर दिया कि इस कार्रवाई में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया गया। सभी अतिक्रमणकारियों पर समान रूप से दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की गई।
इसी क्रम में ट्रैफिक पुलिस ने भी मोर्चा संभालते हुए सड़क पर अनियंत्रित तरीके से खड़ी गाड़ियों और नाबालिग चालकों पर जुर्माना लगाया।
कई वाहनों के खिलाफ चालान काटकर डीटीओ कार्यालय को भेजे गए, ताकि अगली बार सड़कों को अवैध पार्किंग से मुक्त रखा जा सके।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सड़क पर बेवजह बाइक या वाहन खड़े करके यातायात में बाधा उत्पन्न करना दंडनीय अपराध है।
अभियान के दौरान कई व्यापारियों ने स्वयं भी समझदारी दिखाते हुए अपने प्रतिष्ठानों के बाहर की अवैध संरचनाओं को हटाया।
जनसहभागिता से सुचारु होगी यातायात व्यवस्था
प्रशासन ने उनसे सहयोग की अपील की और कहा कि शहर को सुचारू यातायात और साफ-सुधरी व्यवस्था देने में सभी नागरिकों की सहभागिता जरूरी है।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि शहर में विकास परियोजनाओं और यातायात सुधार की दृष्टि से अतिक्रमण हटाना अत्यंत आवश्यक है।
यदि दुकानें और वाहन सड़क पर कब्जा बनाए रखेंगे, तो आम जनता को परेशानी का सामना करना होगा।जिला प्रशासन ने यह भी संदेश दिया कि यह अभियान केवल एक दिन का नहीं है, बल्कि लगातार जारी रहेगा।
यदि कोई व्यक्ति दोबारा अतिक्रमण करता पाया गया तो उस पर अधिक कठोर दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फॉलो-अप टीम प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष नजर रखेगी, ताकि दुबारा अतिक्रमण की कोशिश न हो सके।
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