मंदिर निर्माण में संलग्न कार्यदायी एजेंसियों के श्रमिक भी बनेंगे अतिथि।
लवलेश कुमार मिश्र, जागरण अयोध्या। मंदिर निर्माण की पूर्णता के उपलक्ष्य में आयोजित होने जा रहे ध्वजारोहण समारोह से जुड़ीं तैयारियां प्रारंभ हो गयी हैं। आयोजन समिति के सदस्य अतिथियों के नामों पर विचार-विमर्श कर सूची तैयार करने में जुटे हैं। इस आयोजन में दस हजार अतिथियों को आमंत्रित करने की तैयारी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अतिथियों में अधिसंख्य वंचित वर्ग से होंगे। बताया जा रहा है कि वंचित वर्ग से आने वाले कार्यदायी एजेंसियों के उन श्रमिकों, अभियंताओं व कर्मियों को भी आमंत्रित किया जाएगा, जो मंदिर निर्माण में किसी भी प्रकार से संलग्न रहे हैं।
गत साढ़े चार वर्ष से रामजन्मभूमि परिसर में चल रहा राम मंदिर व पूरक मंदिरों का निर्माण कार्य अब अक्टूबर में पूर्ण होने जा रहा है। निर्माण की इस पूर्णता को ही श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उत्सव के रूप में मनाने जा रहा है। यह आयोजन 23 से 25 नवंबर को होगा।
इसी में राम मंदिर सहित सात पूरक मंदिरों के शिखर पर सनातन ध्वजा फहराई जाएगी। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी इस आयोजन में आने की अटकलें चल रही हैं। हालांकि, अभी इनका कार्यक्रम फाइनल नहीं हुआ।
ट्रस्ट इस आयोजन को प्राण प्रतिष्ठा की अपेक्षा वृहद और सर्वस्पर्शी बनाने का प्रयास कर रहा है। इस कारण समाज के उन लोगों को आमंत्रित किया जाएगा, जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह से वंचित रह गए थे।
पहले आठ हजार अतिथियों की सूची बन रही थी, परंतु अब दो हजार लोगों को और जोड़ा गया है। कुल दस हजार अतिथियों में उन कार्यदायी एजेंसियों के श्रमिक, अभियंता व कर्मचारी भी आमंत्रित रहेंगे, जो निर्माण प्रारंभ होने से लेकर अब तक अपने आराध्य के धाम को भव्यता प्रदान कर रहे हैं।meerut-city-crime,Meerut News,BJP Councilors clash,Police station brawl,Surajkund Park dispute,Meerut crime news,Political clash Meerut,Meerut law and order, ADG Meerut, मेरठ समाचार ,Uttar Pradesh news
पांच अगस्त 2020 को भूमि पूजन के उपरांत से राम मंदिर सहित अधिकांश प्रकल्पों के निर्माण में लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) संलग्न है। इन्हीं दोनों एजेंसियों के सर्वाधिक श्रमिक व कर्मी परिसर में कार्यरत हैं।
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआइएल), केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) सहित कुछ अन्य एजेंसियां भी निर्माण व पर्यवेक्षण से जुड़ी हैं। आयोजन समिति से जुड़े एक पदाधिकारी का कहना था कि सभी एजेंसियों के वंचित वर्ग के कर्मी अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे।
परिसर को सजाने-संवारने का कार्य शुरू
नवंबर में प्रस्तावित आयोजन के लिए रामजन्मभूमि परिसर को अभी से सजाया-संवारा जाने लगा है। परकोटे के मध्य निर्मित छह पूरक मंदिरों के अलावा शेषावतार मंदिर, सप्तमंडपम व कुबेर टीला की ओर जाने वाले मार्गों को तैयार किया जा रहा।
राम मंदिर व परकोटे के मध्य खाली पड़े स्थान का समतलीकरण हो जाने के उपरांत संगमरमर के पत्थरों से फर्श तैयार की जा रही है।
इसके साथ परकोटे का अवशेष निर्माण भी चल रहा है। उत्तरी दिशा में संपूर्ण परकोटा बन गया है तो दक्षिण में पांच-छह फीट का निर्माण शेष है। राम मंदिर के वीआइपी मार्ग पर टाइल्स भी लग चुकी हैं। लोअर प्लिंथ पर म्यूरल्स लगाने में श्रमिक व कारीगर जुटे हैं।
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