हापुड़ में प्रदूषण का स्तर दो सप्ताह बाद भी गंभीर बना हुआ है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, हापुड़। दो हफ्ते से प्रदूषण की मार झेल रहे लोगों को अभी राहत मिलती नहीं दिख रही है। AQI में सुधार के कोई संकेत नहीं हैं। जानकारों का मानना है कि नवंबर में हल्की बारिश के संकेत हैं, साथ ही दिसंबर के पहले हफ्ते में बारिश हो सकती है। बारिश के बाद ही प्रदूषण का स्तर कम होगा। जिले में प्रदूषण का स्तर 600 के आसपास बना हुआ है, जबकि PM 2.5 और PM 10 का स्तर भी काफी ज्यादा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नतीजतन, जिले की हवा रेड जोन से बाहर नहीं निकल पा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, इस हफ्ते तापमान सामान्य से कम रहेगा, जिससे और भी ठंड महसूस होगी। लोगों को कोहरे से बचाव को लेकर भी सतर्क रहने की जरूरत है। संभावना है कि कोहरे से आलू और सरसों जैसी फसलों को भी नुकसान हो सकता है।
नवंबर खत्म होने वाला है, लेकिन अभी भी सर्दी पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है। न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य बना हुआ है। दिन में धूप निकलने से भी लोगों को ठंड कम महसूस हो रही है। यह मौसमी गड़बड़ी करीब पांच साल से हो रही है, और सर्दी देर से शुरू हो रही है। इसका असर फसलों पर भी पड़ रहा है।
हालांकि इस साल तापमान पिछले साल से कम है। यह पांच साल के औसत तापमान से भी कम है। पिछले साल 24 नवंबर को हापुड़ का न्यूनतम तापमान 12 और अधिकतम 29 डिग्री सेल्सियस था। पांच साल के औसत के हिसाब से 24 नवंबर को तापमान 10/28 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए था। जबकि सोमवार को जिले का न्यूनतम तापमान 11 और अधिकतम 25 डिग्री सेल्सियस रहा।
इस हफ्ते तापमान में बड़े बदलाव का अनुमान नहीं है। हालांकि, ठंड में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। तीन दिनों तक तापमान में और कमी दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही रात में कोहरे और धुंध का भी सामना करना पड़ सकता है।
- आने वाले दिनों का तापमान अनुमान (°C)
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दिन न्यूनतम / अधिकतम तापमान
सोमवार
11 / 25
मंगलवार
10 / 23
बुधवार
10 / 23
गुरुवार
10 / 22
शुक्रवार
11 / 24
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) - आज का अपडेट
समय IQ हवा UPPCB
सुबह 5 बजे
533
430
सुबह 9 बजे
517
433
सुबह 11 बजे
622
453
रात 9 बजे (पिछला अपडेट)
485
413
प्रमुख प्रदूषक (माइक्रोग्राम/घन मीटर)
प्रदूषक मौजूदा स्तर
PM-2.5
413
PM-10
337
मौसम में अभी उतार-चढ़ाव हो रहा है। इसलिए, फसल खराब होने की संभावना है। कोहरा फसलों पर फैल सकता है, जिससे कई बीमारियां फैल सकती हैं। किसानों को सही मात्रा में खाद का इस्तेमाल करना चाहिए और अपने खेतों में नमी बनाए रखनी चाहिए। अपनी फसलों और जानवरों की रेगुलर देखभाल करें। बदलते मौसम से जानवरों और इंसानों दोनों को कई हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं।
- डॉ. अरविंद कुमार यादव, प्रिंसिपल और प्रिंसिपल साइंटिस्ट, एग्रीकल्चरल साइंस सेंटर। |