जागरण संवाददाता , कानपुर। ड्रोन से होने वाली लड़ाई के युग में अब ऐसे ड्रोन भी लड़ने के लिए तैयार हैं जो अपने ऊपर होने वाले हमलों से खुद निपट सकेंगे। पीएसआइटी के टेक एक्सपो में शुक्रवार को छात्रों ने ऐसा ही ड्रोन माडल प्रदर्शित किया है जो अपनी सुरक्षा करने में खुद समर्थ हैं। इस ड्रोन में ही छोटा ड्रोन छुपा है जो मिसाइल या किसी अन्य हमले की स्थिति में मूल ड्रोन से निकलर हमला करने वाली वस्तु या मिसाइल को इंटरसेप्ट कर उसे नष्ट कर देगा। इससे मूल ड्रोन को कोई खतरा नहीं होगा। छात्रों ने एक ऐसी डिवाइस भी तैयार की जिसे चश्मे की तरह पहनकर मूक-बधिर लोग भी सामने वाले के कहे हुए को चश्मे की स्क्रीन पर पढ़ कर समझ सकेंगे।
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टेक एक्सपो में दिखी टेक्नोलाजी
प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी में शुक्रवार को दो दिवसीय टेक्नालोजी फेस्टिवल टेक-एक्सपो की शुरुआत हुई है। रक्षा तकनीक, साइबर सिक्योरिटी, एग्रीटेक, डीप टेक, एआइ और एजुकेशन टेक्नोलाजी समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयोगी नवाचार लेकर सामने आए युवाओं ने देश की जरूरतों के लिए भावी तकनीकों की झलक दिखाई। एक्सपो का उद्घाटन पीएसआइटी के ग्रुप डायरेक्टर प्रो. डा. मनमोहन शुक्ला और आइआइटी कानपुर के प्रो. डा. कांतेश बलानी ने किया।
नवाचार के प्रति दिखी रुचि
नवाचार माडलों की मूल्यांकन टीम में आइआइटी कानपुर के राकेश रोशन और अनीमेश मिश्रा शामिल रहे जबकि पीएसआइटी के डायरेक्टर प्रो. डा. राघवेंद्र सिंह, प्रो. डा. विशाल नागर, प्रो. डा. रघुराज सिंह सूर्यवंशी, डा. सुमित चंद्रा और डा. आरती सक्सेना की विशेष उपस्थिति रही। पीएसआइटी के चेयरमैन प्रणवीर सिंह ने इस मौके पर कहा कि छात्रों की नवाचार के प्रति गहरी रुचि सराहनीय है। विद्यार्थियों का तकनीकी ज्ञान केवल पाठ्यक्रमों तक सीमित नहीं है बल्कि रक्षा, अंतरिक्ष और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उपयोगी योगदान कर रहा है।
इन प्रोजेक्ट में दिखी भविष्य की टेक्नोलाजी
इंटरनेट आफ थिंग्स पर आधारित एक्कीसेंस एक आटोमेटिक एक्सीडेंट अलर्ट सिस्टम है जो हादसे के \“गोल्डन आवर\“ में तुरंत मदद पहुंचाने के लिए बनाया गया है। यह सिस्टम हाइ-इंटेंसिटी वाइब्रेशन सेंसर या एयरबैग नियंत्रण प्रणाली के आधार पर तुरंत जीपीएस लोकेशन को पुलिस, अस्पताल,फायर ब्रिगेड और संबंधित वाहन स्वामी के परिवार वालों को सूचना भेज देता है। डिवाइस में लगा तेज बजर और फ्लैशिंग लाइट भी आसपास मौजूद लोगों को भी हादसे की जानकारी देता है। साढ़े आठ सौ रुपये की डिवाइस को किसी भी वाहन में फिट किया जा सकता है। इस पर टीम लीडर रमनेश कुमार साहू के रितेश सिंह तथा रजनी तिवारी ने काम किया है।
जेरीथ्रोन वेक्टरएक्स के मो रयान यूनुस व उनके साथियों कर्णिका शर्मा, हर्ष बाजपेई, हनी द्विवेदी, मिथिलेश साहनी और नवीन शर्मा ने ऐसा \“पापा\“ ड्रोन तैयार किया है जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ हाइ-टेक आटोनामस मिलिटरी ड्रोन है। इसमें निगरानी, इंटरसेप्शन और अटैक जैसी तीनों क्षमता मौजूद हैं। खतरे की स्थिति में \“पापा\“ ड्रोन अपनी रक्षा के लिए लड़ाके ड्रोन को छोड़ेगा जो मिसाइल या हमलावर वस्तु से टकराकर उसे नष्ट कर देगा। इसमें मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग, रियल-टाइम वीडियो फीड, एंटी-जैमिंग सिस्टम और लंबी दूरी का कंट्रोल सिस्टम शामिल है।
स्मार्ट सिटी के लिए स्मार्ट ड्रेनेज निगरानी सिस्टम
आराध्य बाजपेई की टीम में शामिल अनुराग यादव, अरिशा सिंह, अरहान खान, अर्जित सिंह और अर्पित कुमार ने स्मार्ट–सिटी को ध्यान में रखकर रियल–टाइम ड्रेनेज मानिटरिंग सिस्टम तैयार किया है। जो पाइपलाइन के अंदर पानी के प्रवाह के रुकने या असामान्य प्रवाह की पहचान कर तत्काल सूचना देगा। इससे कहीं भी पेयजल लाइन लीकेज या ड्रेनेज में हो रहे जल भराव को पहचान कर उपाय लागू किए जा सकेंगे। नगर निगमों, हाउसिंग सोसायटी, इंडस्ट्रियल एरिया और बड़े कैंपस मैनेजमेंट के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।
मूक -बधिर भी समझ सकेंगे दूसरों की बात
बीटेक कंप्यूटर साइंस के द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों का स्टार्टअप वोक्सलेंस बधिरों की जिंदगी आसान करने वाला है। टीम सदस्यों प्रज्ञा, त्रिशा, अनन्वय, विशाय, अनुराग, आकर्ष और अनंत ने बताया कि चश्में जैसी डिवाइस में डुअल–कैमरा माड्यूल का प्रयोग किया गया है जो सामने के वक्ता को पहचान कर प्रिज़्म की मदद से बोले गए तथ्य को आंखों के सामने टेक्स्ट में प्रस्तुत कर देता है। इसे पढ़कर बातों को समझा जा सकता है। अगर कई लोग एक साथ सामने मौजूद हैं तो रंग के आधार पर उनकी बात को सामने प्रस्तुत करता है। चश्मे में कान्वेक्स लेंस का प्रयोग किया गया है, जो स्पीच का डिस्प्ले दूर से करेगा और प्रिज्म पर डिप्ले दिखेगा ताकि बधिर व्यक्ति को पढ़ने में आसानी हो। वहीं, दूसरे कैमरा ट्रैफिक में मदद करेगा। अगर कोई गाड़ी हार्न दे रही है तो संबंधित व्यक्ति को दूर हटने का निर्देश भी मिलेगा।
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