deltin33 • 2025-11-21 21:07:45 • views 459
डीवीसी मैथन डैम से निकलता पानी। (फाइल फोटो)
धर्मदेव चौधरी, मैथन (धनबाद)। बेहतर मानसून की बदौलत डीवीसी के हाइडल स्टेशनों (पनबिजली केंद्र) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में बंपर बिजली उत्पादन कर अच्छा कमाई की है। डीवीसी मैथन, पंचेत, तिलैया के पनबिजली केंद्रों ने अपने लक्ष्य से काफी आगे निकलते हुए बेहतर उत्पादन किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बेहतर उत्पादन पर डीवीसी मैथन के परियोजना प्रधान सुमन प्रसाद सिंह सहित हाइडल स्टेशनों के अधिकारियों ने हर्ष जताया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में डीवीसी मैथन हाइडल स्टेशन को 117 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य मिला था।
जिसे मैथन यूनिट ने 18 नवंबर तक 164 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन कर अपने लक्ष्य को काफी पीछे छोड़ दिया है। वहीं डीवीसी पचेत हाइडल स्टेशन को 100 मिलियन यूनिट का लक्ष्य मिला था जो वर्तमान में 125 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन कर चुका है।
यह लक्ष्य से 25 मिलियन यूनिट ज्यादा है। वहीं डीवीसी के तिलैया से 11 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। बताया जाता है कि डीवीसी मैथन हाइडल स्टेशन के निर्माणकाल से अब तक सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन का रिकार्ड वित्तीय वर्ष 1990 में दर्ज किया गया था।
तब मैथन हाइडल से 249 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हुआ था। जबकि सबसे कम बिजली उत्पादन का रिकार्ड वर्ष 1966 में दर्ज किया गया था। तब मात्र 66 मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ था।
मालूम हो कि मैथन हाइडल में तीन टरबाइन है। जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 63 मेगावाट है। जबकि पंचेत में दो यूनिट है। जिसका कुल उत्पादन क्षमता 80 मेगावाट है।
खासकर मानसून के समय में दोनों ही हाइडल स्टेशनों से काफी मात्रा में पानी से बिजली बनाई जाती है और बाकी समय में पश्चिम बंगाल को पानी देने के क्रम में बिजली बनती है।
डीवीसी मैथन के परियोजना प्रधान सुमन प्रसाद सिंह के कुशल नेतृत्व में हाइडल स्टेशनों के कर्मचारियों ने तालमेल के साथ काम किया और बेहतर मानसून भी इसमें साथ दिया। जिसकी बदौलत डीवीसी के सभी पनबिजली केंद्रों ने अपने लक्ष्य से ज्यादा उत्पादन किया है। इसके लिए सभी कर्मचारी बधाई के पात्र हैं।-अरविंद सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, डीवीसी मैथन |
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