मध्य प्रदेश में किसानों से MSP पर धान खरीदेगी सरकार (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (2,369 रुपये प्रति क्विंटल) पर धान का उपार्जन करेगी। इसके लिए ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन प्रारंभ कर दिया गया है। इसमें किसान को खसरेवार बोई गई फसल का विवरण बताना होगा यानी जिस हिस्से में उसने धान की बोवनी की है, उसकी जानकारी दर्ज करनी होगी। इसे गिरदावरी से मिलाकर देखा जाएगा। यदि इसमें जानकारी सही होगी तो ही पंजीयन किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि पिछली बार गेहूं उपार्जन में यह गड़बड़ी सामने आई थी कि जिसने चना की बोवनी की, उसका पंजीयन गेहूं उपार्जन के लिए हो गया। पंजीयन 10 अक्टूबर तक होगा। पात्र किसानों को सरकारी उपार्जन की सुविधा का लाभ मिले, इसके लिए यह व्यवस्थागत परिवर्तन किया गया है कि इनके पंजीकृत खसरों पर गिरदावरी के माध्यम से दर्ज फसलों का सत्यापन कराया जाएगा।
पंजीयन के समय पिछले साल पंजीकृत खसरों पर गिरदावरी के माध्यम से दर्ज धान, ज्वार एवं बाजरा की बोई गई फसल के खसरों को ही प्रदर्शित कराया जाएगा। किसान द्वारा बोई गई फसल का विवरण पंजीयन आवेदन में खसरेवार देना होगा।
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आधार कार्ड से होगा सत्यापन
इतना ही नहीं किसान को आधार नंबर भी देना होगा। इसका सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजे गए या फिर बायोमेट्रिक डिवाइस से किया जा सकेगा। जिन किसानों के आधार नहीं हैं, वे आधार केंद्र पर जाकर आधार हेतु आवेदन करना होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही पंजीयन मान्य होगा।
हर स्तर पर होगा सत्यापन
ऐसे किसान जिन्होंने पिछले वर्ष पंजीयन कराया था लेकिन इस बार क्षेत्र 50 प्रतिशत से अधिक हो गया और पांच हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र वाले किसानों को शत-प्रतिशत सत्यापन कराया जाएगा। यह काम राजस्व विभाग के अधिकारी करेंगे। वन पट्टाधारी वाले किसानों के क्षेत्र, फसल एवं फसल की किस्म का सत्यापन वन विभाग का अमले करेगा।
50 रुपये से अधिक नहीं होगा पंजीयन शुल्क
एमपी आनलाइन कियोस्क, कामन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र और निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर पंजीयन के लिए शुल्क 50 रुपये से अधिक नहीं लिया जाएगा। इस बार में केंद्रों के बाहर शुल्क के संबंध में बैनर भी लगााना होगा ताकि कोई अधिक शुल्क ना ले। सिकमी, बटाईदार कोटवार एवं वन पट्टाधारी किसान का पंजीयन केवल सहकारी समितियों द्वारा संचालित पंजीयन केंद्रों पर होगा। ऐसे सभी किसानों को 100 प्रतिशत सत्यापन राजस्व विभाग करेगा।
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