भाजपा नेता गीता कोड़ा ने हेमंत सरकार पर बोला हमला
जागरण संवाददाता, चाईबासा। पूर्व सांसद सह भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती गीता कोड़ा ने कहा कि एशिया प्रसिद्ध सारंडा जंगल को लेकर झारखंड सरकार और मंत्री समूह की ओर से जनता के बीच दिए जा रहे बयान पूरी तरह से भ्रामक और दिखावटी हैं, जबकि मंत्री समूह में दो मंत्री आदिवासी समुदाय से ही आते हैं, ऐसे में आम जनता को गुमराह कर अपना चेहरा बचाना कहां तक उचित है? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि झामुमो के मंत्री, विधायकगण और स्थानीय सांसद यदि वास्तव में सारंडा और यहां के आदिवासी–मूलवासी हितों के प्रति संवेदनशील होते तो समय रहते ठोस कदम उठाते, लेकिन हकीकत यह है कि वर्षों तक चुप्पी साधे रहने के बाद आज जब मामला उच्चतम न्यायालय में सुनवाई की स्थिति में है, तभी आनन-फानन में तथाकथित जनसभा और जनसुनवाई कर जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।
समय रहते नहीं उठाई गई आवाज: गीता
गीता कोड़ा ने कहा कि हेमन्त सरकार का यह रवैया साबित करता है कि झामुमो-कांग्रेस गठबंधन केवल सत्ता और कुर्सी बचाने में लगा हुआ है, न कि आदिवासी–मूलवासी अधिकारों की रक्षा में। लाखों लोगों के जल–जंगल–जमीन और पारंपरिक अधिकार खतरे में हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने समय रहते आवाज नहीं उठाई।
सवाल उठाते हुए कहा, आखिर जब सारंडा के अस्तित्व पर संकट गहराने की स्थिति बनी, तब सरकार और मंत्री समूह कहां थे? क्या अदालत में सुनवाई के कुछ दिन पहले दिखावटी दौरे कर लेना ही जनहित और आदिवासी–मूलवासी की रक्षा कहलाएगा? क्या यह जनता से सरासर विश्वासघात नहीं है?
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गीता कोड़ा ने कहा कि झारखण्ड सरकार और उसके जनप्रतिनिधियों की असंवेदनशीलता के कारण ही आज सारंडा और यहां के निवासियों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है।
यदि समय रहते कदम उठाए जाते तो आज अदालत में सारंडा के अस्तित्व और अधिकारों को लेकर संकट की स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि सारंडा की जनता अब हेमंत सरकार की असलियत समझ चुकी है और इस तरह की नौटंकी से गुमराह नहीं होगी। भाजपा परिवार सारंडा के लोगों के संघर्ष के साथ मजबूती से खड़ा है।
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