पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र, किसान और मजदूर सगठनों के प्रतिनिधियों ने की बैठक।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा ने दोबारा स्पष्ट कर दिया है कि आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। मोर्चा के सदस्यों ने चेतावनी दी कि यदि 25 नवंबर तक सीनेट चुनाव की अधिसूचना को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया तो 26 नवंबर को पंजाब यूनिवर्सिटी को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। 25 से 30 नवंबर के बीच भाजपा कार्यालय का घेराव किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह निर्णय वीरवार को हुई अहम बैठक में लिया गया। बैठक में मोर्चा और किसान-मज़दूर संघर्ष संगठनों ने 10 नवंबर को हुए महाप्रदर्शन की समीक्षा की और आगे की रणनीति तय की।
मोर्चा नेताओं प्रभजोत सिंह और नवप्रीत ने बताया कि 10 तारीख के बाद से जारी सभी घटनाक्रमों पर विस्तृत चर्चा की गई। सभी संगठनों ने साफ कहा है कि वे पूरी मजबूती से मोर्चे के साथ खड़े हैं और किसी भी दबाव के आगे झुकने वाले नहीं।
मोर्चा के सदस्यों ने कहा कि पीयू बंद के दौरान कैंपस में कोई प्रशासनिक काम नहीं होने देंगे। यह लड़ाई सिर्फ़ ढांचों की नहीं, बल्कि अधिकारों और केंद्र सरकार की बढ़ती दख़लअंदाज़ी के खिलाफ़ है।
नेताओं ने कहा कि आंदोलन को तोड़ने की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन मोर्चा एकजुट है और हर “तोड़फोड़ नीति” का मुकाबला करेगा। मोर्चा ने स्पष्ट किया कि आंदोलन सबका है और पीयू सभी के लिए खुला है। |