Budh Dev Upay: कुंडली में बुध ग्रह को कैसे मजबूत करें?
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। बुध देव सभी प्रकार के संचार का प्रतिनिधित्व करते हैं, चाहे वह वाणी हो, भाषा हो, लेखन कौशल हो, या तर्क और विश्लेषण हो सभी ग्रहों में सबसे बुद्धिमान माने जाने वाले बुध देव, मिथुन और कन्या राशियों पर अधिकार रखते हैं। ये हमारे मानसिक प्रक्रियाओं, तर्क, विश्लेषण और विश्लेषणात्मक क्षमताओं को नियंत्रित करते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बुधदेव हमारे हाथों और मस्तिष्क के समन्वय में चतुरता का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। ये लय का भी प्रतीक हैं, और इस कारण बुध देव प्रायः संगीतकारों और टाइपिस्टों की कुंडलियों में प्रमुख होते हैं। बुध देव मीडिया जगत और कंप्यूटर जगत का प्रतिनिधित्व करते हैं। जो लोग किसी भी प्रकार के संचार से संबंधित व्यवसायों में कार्य करते हैं, उनकी जन्म कुंडली में बुध देव का मजबूत होना आवश्यक होता है।
जब जन्मकुंडली में बुधदेव पीड़ित होते हैं, तो संचार, तर्क, त्वचा या तंत्रिका संबंधी समस्याएं सामने आ सकती हैं। ऐसे समय में वेदों और ज्योतिषीय परंपराओं में वर्णित उपायों के माध्यम से बुधदेव की कृपा प्राप्त की जा सकती है। नीचे दिए गए उपाय न केवल मानसिक स्पष्टता और वाणी में सुधार लाते हैं, बल्कि व्यापारिक सफलता और आध्यात्मिक संतुलन की दिशा में भी मार्ग प्रशस्त करते हैं।dehradun-city-general,Dehradun City news,electricity theft Roorkee,steel furnace meter tampering,power theft investigation,energy corporation corruption,Roorkee industrial units,Haridwar power theft,meter fraud case,energy department raid,power corporation vigilance,uttarakhand news
बुधदेव के पीड़ित होने पर उपाय
- जातक को भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए।
- जातक को देवी दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।
- जातक को कन्या पूजन करना चाहिए।
- यदि जातक को दांतों की समस्या है तो उसे फिटकरी से दांत धोना चाहिए।
- यदि जातक को तंत्रिका संबंधी समस्या है तो उसे मंगलवार की रात को मूंग भिगोकर बुधवार सुबह पक्षियों को खिलाना चाहिए।
- व्यापार में वृद्धि हेतु जातक को गुड़, गेहूं और चने मंदिर में दान करना चाहिए।
- बुधदेव की मूर्ति सोने से (या सुनहरे रंग में) बनवानी चाहिए। बुधदेव को पीले वस्त्रों में यथायोग्य सुशोभित, पीली माला धारण किए हुए, कनिका (कनेर के फूलों) के समान तेजस्वी, तलवार, ढाल, गदा धारण किए हुए तथा आशीर्वाद की मुद्रा में, सिंह पर सवार रूप में देखा जाना चाहिए।
- बुधदेव की पूजा (Budh remedies for business success) उसी रंग के वस्त्रों और पुष्पों से, सुगंध, अगरबत्ती, दीप, हवन सामग्री, धूप, गुग्गुल आदि से की जानी चाहिए। ग्रह की मूर्ति की धातु और ग्रह द्वारा संकेतित प्रिय भोजन को श्रद्धा से दान किया जाना चाहिए जिससे पीड़ा का निवारण हो सके।
- महर्षि पराशर ने कहा है कि बुधदेव के मंत्र का नौ हजार बार जप किया जाना चाहिए।
- बुधदेव के हवन में प्रयुक्त होने वाली लकड़ी “चिरचिरी” होनी चाहिए। हवन सामग्री को शहद, घी, दही या दूध में मिलाकर, मंत्रों के 108 या 28 बार उच्चारण के साथ अग्नि में आहुति देनी चाहिए।
- इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। बुधदेव के उपाय (Mercury remedies for wisdom) में चावल में ठीक से पकाया गया धान आवश्यक है। पूजा के बाद दक्षिणा यजमान की श्रद्धा और ब्राह्मणों की संतुष्टि अनुसार देनी चाहिए।
मंत्र जप
सामान्यतः नीचे दिए गए मंत्रों का जाप बुधदेव की पीड़ा को कम करने के लिए किया जाता है। बीज मंत्र को अधिक प्रभावशाली होने के कारण प्राथमिकता दी जाती है।
- बुधदेव का मंत्र: “ॐ बुधाय नमः”
- बुधदेव का बीज मंत्र: “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”
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लेखक: आनंद सागर पाठक, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।
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