उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की अपराध व अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : सुदृढ़ और कारगर कानून-व्यवस्था का मुद्दा हर राज्य के लिए अहम है। खासकर सर्वाधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश के सामने अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई का दायरा बढ़ाने की चुनौती हमेशा रही है।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की अपराध व अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का असर भी देखने को मिला है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट भारत में अपराध-2023 पर नजर दौड़ाई जाए तो प्रदेश में जघन्य अपराधों में कमी आई है। हालांकि महिलाओं के प्रति अपराधो की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों के संगठित गिरोहों पर नियंत्रण में बड़ी सफलता प्राप्त की है। इनके गिरोहों को बड़ी आर्थिक चोट देने के साथ इनके साम्राज्य को भी ध्वस्त करने में सफलता प्राप्त की है। इसी कारण आंकड़े लगातार योगी आदित्यनाथ सरकार के पक्ष में आ रहे हैं और अन्य राज्यों की सरकारें भी अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को माडल मान रही हैं।
भारत में अपराध-2023 रिपोर्ट के अनुसार देश में जघन्य अपराधों के कुल 4,34,987 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें उप्र 49,453 मुकदमे दर्ज हुए। देश में उप्र का 24वां स्थान है। इस श्रेणी में पूर्व के वर्षों की तुलना की जाए तो वर्ष 2022 में 52,579 तथा 2021 में 52,502 मुकदमे दर्ज हुए थे।
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आंकड़े
- देश में वर्ष 2023 में दर्ज हुए कुल अपराध : 62,41,569
- उत्तर प्रदेश में वर्ष 2023 में दर्ज हुए कुल अपराध 7,93,020
- उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में दर्ज कुल अपराध 7,53,675
- उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 में दर्ज कुल अपराध 6,08,082
महिला अपराधों की दर 58.6 रही
महिलाओं के प्रति अपराध की बात की जाए तो वर्ष 2023 में प्रदेश में महिला अपराधों की दर 58.6 रही और देश में उसका स्थान 17वां रहा। आठ केंद्र शासित प्रदेशों को हटाकर देखें तो शेष 28 राज्यों में उप्र का 13वां स्थान रहा। रिपोर्ट के अनुसार 2023 में देश में महिलाओं के खिलाफ कुल 4,48,211 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें उत्तर प्रदेश में दर्ज मुकदमों की संख्या 66,381 रही।
वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध के 65,743 व वर्ष 2021 में 56,083 मुकदमे दर्ज हुए थे। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उप्र में अपराध दर अपेक्षाकृत कम है, जो लगभग 58.6 है। देश में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में दर्ज कुल मुकदमों के अनुपात में उप्र का योगदान लगभग 14.81 प्रतिशत है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में दिल्ली की अपराध दर 133.6, तेलंगाना की 124.9, राजस्थान की 114.8 व हरियाणा की 110.3 है।
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