deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

सिर्फ दवाएं लेना नहीं है काफी, COPD मैनेज करने के लिए डॉक्टर ने शेयर किए 5 अचूक उपाय

Chikheang 2025-11-19 17:07:41 views 832

  

कैसे मैनेज करें COPD? (Picture Courtesy: Freepik)



लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सीओपीडी यानी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, एक ऐसी बीमारी है जो फेफड़ों में ऑक्सीजन फ्लो में रुकावट पैदा करती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। यह एक प्रोग्रेसिव डिजीज है, यानी समय के साथ इसके लक्षण (COPD Symptoms) बढ़ सकते हैं।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

लेकिन डॉ. प्रदीप बजाज (सीनियर कंसल्टेंट, पल्मोनरी मेडिसिन, अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद) कहते हैं कि सीओपीडी को नियंत्रित किया जा सकता है, इसके अचानक बिगड़ने को रोका जा सकता है और अस्पताल में भर्ती होने से बचा जा सकता है, बशर्ते मरीज आक्रामक तरीके से और बिना किसी समझौते के कुछ बातों (Tips to Manage COPD) का ध्यान रेखें।  

सीओपीडी को मैनेज की जिम्मेदारी पूरी तरह से मरीज पर और उसके देखभाल करने वालों पर होती है। यह केवल दवाओं से नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल में बदलाव की भी मांग करती है। आइए जानें सीओपीडी मैनेज करने के लिए क्या करें।
स्मोकिंग छोड़ दें

सीओपीडी के मरीजों को स्मोकिंग पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए। इस बीमारी में \“कभी-कबार\“ स्मोक करना भी जानलेवा साबित हो सकता है। बस एक सिगरेट भी हफ्तों भर की रिकवरी पर पानी फेर सकती है। तम्बाकू से पूरी तरह दूरी बनाना जरूरी है।
इनहेलर है जरूरी

सीओपीडी के इलाज में इनहेलर बुनियादी आधार हैं। ये केवल तभी इस्तेमाल करने की दवा नहीं हैं, जब सांस फूल रही हो। ये नियमित रूप से लेने वाली दवाएं हैं, जो फेफड़ों में सूजन को कंट्रोल करती हैं और रुकावट को बढ़ने से रोकती हैं। इनहेलर छोड़ना अपनी खुद की ऑक्सीजन सप्लाई लाइन को बंद करने के समान है। डॉक्टर जो भी खुराक और समय बताएं, उसे फॉलो करें और इनहेलर की सही तकनीक सीखें व समय-समय पर चेक करवाएं।
नियमित एक्सरसाइज और फिजियोथेरेपी

सांस फूलने के डर से फिजिकल एक्सरसाइज बंद कर देना सबसे बड़ी भूल है। नियमित, हल्की एक्सरसाइज फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती है।

  • होंठ सिकोड़कर सांस लेना- यह साधारण सी तकनीक सांस की तकलीफ को तुरंत कम करने में मददगार है। इसे दिन में कई बार प्रैक्टिस करें।
  • डायाफ्रामैटिक ब्रीदिंग- यह फेफड़ों की काम करने की क्षमता को बेहतर करती है।
  • हल्की चहलकदमी- रोजाना थोड़ी देर टहलें। धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।

ट्रिगर्स से बचाव करें

सीओपीडी के मरीजों के लिए वायु प्रदूषण और एलर्जी पैदा करने वाले तत्व जानलेवा साबित हो सकते हैं। इनसे बचाव के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए-

  • घर के अंदर का प्रदूषण- धूपबत्ती, मच्छर भगाने की कॉइल, रूम फ्रेशनर और अगरबत्ती के धुएं से परहेज करें। रसोई में चिमनी का इस्तेमाल करें।
  • बाहरी प्रदूषण- प्रदूषण के स्तर के अनुसार घर से बाहर न निकलें। बाहर निकलते समय एन95 मास्क जरूर पहनें।
  • धूल और ठंडी हवा- धूल भरे इलाकों और बाजारों में जाने से बचें। सर्दियों में सुबह-सुबह की ठंडी हवा में टहलने से परहेज करें और मुंह व नाक को स्कार्फ से ढक लें।

इन्फेक्शन पर नजर रखें

सीओपीडी के मरीजों में छोटा-सा इन्फेक्शन भी गंभीर रूप ले सकता है।

  • चेतावनी के संकेतों को नजरअंदाज न करें- अगर बलगम का रंग पीला या हरा हो जाए, खांसी बढ़ जाए, सांस फूलने में बढ़ोतरी हो या बुखार आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • वैक्सीन- फ्लू और न्यूमोकोकल वैक्सीन लगवाना न भूलें।
  • हेल्दी डाइट- हैवी खाने की बजाय छोटे-छोटे, पौष्टिक और प्रोटीन से भरपूर डाइट लें। साथ ही, ज्यादा पानी पिएं।


यह भी पढ़ें- World COPD Day 2025: जहरीली हवा से बढ़ रहा फेफड़ों की इस गंभीर बीमारी का खतरा, ऐसे करें अपना बचाव

यह भी पढ़ें- क्या मुमकिन है COPD का इलाज और कैसे होते हैं इसके लक्षण? डॉक्टर से जानें इन सवालों के जवाब
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
122609