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श्रीनगर: बेटे को बनाना चाहते थे IAS अधिकारी, लाल किला बम विस्फोट के आरोपी आतंकी जासिर वानी के पिता ने की आत्महत्या

cy520520 2025-11-18 01:38:07 views 486

  

बेटे के आतंकी बनने पर पिता ने कर ली आत्महत्या (प्रतीकात्मक फोटो)



नवीन नवाज, श्रीनगर। जासिर से बड़ी उम्मीद थी। वह उसे आइएएस बनाना चाहता था,लेकिन उसका नाम लाल किले केपास हुए बम विस्फोट में आ गया और पुलिस उसे, उसके बाप और मेरे खाविंद को पकड़ कर ले गई।

इससे जासिर का बाप बहुत परेशान था । वह खुद को बहुत शर्मसार महसूस कर रहा था,इसलिए उसने खुद को आग लगा ली और अाज तड़के उसकी अस्पताल में मौत हो गई। यह कोई और नहीं बल्कि जासिर की चाची नसीमा अख्तर बोल रही थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उसने कहा कि आज हमारे घर में मातम पसरा है और जासिर की एक गलती ने सबकुछ बरबाद कर दिया। जासिर के पिता बिलाल अहमद वानी ने रविवार की सुबह अपने घर में आत्मदाह का प्रयास किया था। उसे गंभीरावस्था में जिला अस्पताल कुलगाम में और उसके बाद उसे बेहतर उपचार के लिए श्रीनगर लाया गया था।
NIA की हिरासत में आतंकी जासिर वानी

जासिर वानी उर्फ दानिश वही है, जिसे तीन दिन पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने लाल किले के बाहर हुए आत्मघाति हमले और जैश व अंसार गजवतुल हिंद के व्हाइट कालर माडयूल के साथ जुढ़े होने की सूचना पर हिरासत में लिया था।

एनआइए ने आज उसे गिरफ्तार कर लिया है और बताया कि आतंकियों ने कारबम से पहले जासिर ने ड्रोन और राकेट से हमले का षडयंत्ररचा था,जिसमें जासिर ने आतंकी डाक्टर उमर नबी और उसके साथी अामिर व अन्य आतंकियों के लिए ड्रोन व राकेट बनाने का प्रयास किया था।

बिलाल अहमद वानी एक ड्राइ फ्रूट विक्रेता है। वह डॉ अदील और डा मुजफ्फर का पड़ौसी है। डॉ अदील इस समय गिरफ्तार है जबकि उसका भाई डा मुजफ्फर फरार है और उसके अफगानस्तान में छिपे होने की संभावना है।
पिता का IAS बनाने का सपना टूटा

डॉ अदील को सहारनपुर मेरठ से पकड़ा गया था और उसकी निशानदेही पर जीएमसी अस्पताल अनंतनाग में उसके लाकर से एक एसाल्ट राइफल व अन्य आपत्तिजनक सामान पकड़ा गया था।  

दक्षिण कश्मीर के वनपोरा कुलगाम में बिलाल अहमद वानी और डा अदील का मकान एक दूसरे से कुछ ही दूरी पर है। पुलिस ने बिलाल अहमद वानी उसके भाई नवील वानी और उसके बेटे जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को तीन दिन पहले पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। बिलाल को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया।  

नसीमा अख्तर ने कहा कि मेरे पति भी फिजिक्स के लेक्चरार है जबकि जासिर के पिता बिलाल ड्राइ फ्रूट का कारोबार करते हैं। ड्राइ फ्रूट में हमारा पूरा परिवार शामिल है। बिलाल साहब चाहते थे कि जासिर भी आइएएस बने।

बिलाल साहब चाहते थे कि वह जासिर से मिलें और उससे पूछें कि उसने ऐसा क्येां किया? पूरे इलाके में हमारे खानदान को बड़ी इज्जत से देखा जाता है। हमारा कभी राजनीति या आतंकवाद से कोई नाता नहीं है।

अदील हमारा पड़ाैसी है,लेकिन वह क्या करता था, वह डाक्टर के नाम पर क्या कर रहा था यह हमें नहीं पता था। जासिर भी पढ़ाई कर रहा था और वह कैसे उनके साथ शामिल हो गया?
हताश होकर कर ली आत्महत्या

बिलाल साहब बहुत हताश हो चुके थे, वह कहते थे कि कम से कम एक बार जासिर से बात करूं कि उसने यह क्यों किया? वह उससे मिल नहीं पा रहे थे। कल सुबह वह घर पहुंचे तो बहुत ही निराश और गुमसुम नजर आए।

हमें नहीं पता था कि वह ऐसा कुछ करेंगे। उन्होंने गाड़ी से पेट्रोल निकाला और अपने ऊपर छिड़क लिया। जब तक हम लोग,हमारे पड़ौसी आग बुझाते, वहबुरी तरह झुलस गए थे। उन्हें अस्प्ताल ले जाया गया,आज तड़के उनक मौत हो गई।

बिलाल अहमद के एक पड़ौसी ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर कहा कि यहां किसी को समझ में नहीं आरहा है कि क्या हो रहा है। यहां जिन बच्चों की काबलियत की दाद दी जाती थी, वह सब पकड़े जा रहे हैं, मौत के सौदागर बने घूम रहे हैं।

अब तो यहां सभी एकदूसरे को संदेह की नजर से देखने लगे हैं। उसने कहा कि यहां बिलाल किे जनाजे में आए सभी लोग यही कह रहे हैं। बेटे की करनी बाप को कहां ले गई। बिलाल बहुत ही भावुक आदमी था। यह घर ताे तबाह हो गया।
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