ओपनएआइ ने चैटजीपीटी में बड़े बदलाव करते हुए सख्त कदम उठाया है (सांकेतिक तस्वीर)
न्यूयॉर्क टाइम्स, न्यूयॉर्क। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी ओपनएआइ ने चैटजीपीटी में बड़े बदलाव करते हुए सख्त कदम उठाया है। ओपनएआइ ने सोमवार को अपने चैटबाट, चैटजीपीटी पर अभिभावकीय नियंत्रण (पैरेंटल कंट्रोल) लागू कर दिया है।
अब माता-पिता अपने बच्चों की चैटिंग पर नजर रख सकेंगे और संवेदनशील कोई भी बातचीत होने पर तुरंत अलर्ट भी पा सकेंगे। बच्चे अपने स्कूल के काम, दैनिक जीवन और मानसिक स्वास्थ्य में मदद के लिए इस प्लेटफार्म की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चैटजीपीटी जोड़े जाएंगे नए फीचर
चैटजीपीटी में ये नए फीचर 16 वर्षीय एडम राइन के माता-पिता द्वारा ओपनएआइ के खिलाफ मुकदमा दायर किए जाने के बाद आए हैं। एडम राइन की अप्रैल में कैलिफोर्निया में मृत्यु हो गई थी।
उनके माता-पिता के अनुसार, चैटजीपीटी ने एडम को उनके जीवन के अंतिम महीनों में आत्महत्या के तरीकों के बारे में जानकारी दी थी। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कंपनी ने चैटजीपीटी नए फीचर जोड़े हैं। अब अगर कोई किशोर आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने जैसी बातें चैटजीपीटी में लिखता है, तो उस चैट को सबसे पहले मानव माडरेटर जांचेंगे। CM Fadnavis, Maharashtra news, Maharashtra crime, Maharashtra latest news updates, Maharashtra crime news, Maharashtra latest news, Maharashtra rains, Maharashtra weather, Maharashtra monsoon
माता-पिता को नोटिफिकेशन के जरिए सूचना दी जाएगी
अगर स्थिति गंभीर लगी तो माता-पिता को ईमेल, एसएमएस या एप नोटिफिकेशन के जरिए सूचना दी जाएगी। पैरेंट अकाउंट से जुड़े किशोर अकाउंट्स पर अपने आप अतिरिक्त सुरक्षा फीचर्स सक्रिय हो जाएंगे। इनमें ग्राफिक कंटेंट, वायरल चैलेंज, यौन या हिंसक रोलप्ले और चरम सौंदर्य मानकों जैसी सामग्री को ब्लॉक करना शामिल है।
बच्चों का डाटा एआइ ट्रेनिंग से बाहर रखना
माता-पिता अब बच्चों के चैटजीपीटी इस्तेमाल पर और भी नियंत्रण रख पाएंगे। वे चैटिंग के लिए समय सीमा तय करना (जैसे रात 8 बजे से सुबह 10 बजे तक ब्लाक करना)। बच्चों का डाटा एआइ ट्रेनिंग से बाहर रखना। वाइस मोड और इमेज जेनरेशन को बंद करना। बाट की सेव की गई मेमोरी को डिसेबल कर सकते हैं।
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