deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

बारिश में गुरुग्राम की सड़कें नहीं बनेंगी तालाब, विज्ञान और तकनीक से निकलेगा जलभराव का रास्ता

deltin33 2025-11-17 15:36:45 views 439

  

तस्वीर गुरुग्राम की न्यू कॉलोनी को जाने वाली मुख्य जर्जर सड़क की है।



संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। बरसात में शहर की सड़कें तालाब बन जाने की पुरानी समस्या को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए नगर निगम गुरुग्राम ने पहली बार किसी प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान के साथ हाथ मिलाया है।

निगम ने आईआईटी गांधीनगर के साथ एक वर्ष का एमओयू किया है जिसके तहत विशेषज्ञों की टीम गुरुग्राम में रहकर पूरे ड्रेनेज सिस्टम का वैज्ञानिक विश्लेषण करेगी और शहर के लिए एक दीर्घकालिक मास्टर ड्रेनेज मॉडल तैयार करेगी।

आईआईटी की विशेषज्ञ टीम गुरुग्राम के हर जलभराव वाले पाकेट, नालों, बरसाती जलमार्गों और मौजूदा निकासी संरचनाओं का मैपिंग आधारित तकनीकी अध्ययन करेगी। माडल में शामिल होंगे ये बिंदु जल निकासी के नए स्थान और संरचना: किन जगहों पर पंपिंग स्टेशन, अंडरग्राउंड चैंबर या नए नाले बनाने होंगे, इसका वैज्ञानिक ब्लूप्रिंट। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मौजूदा सिस्टम की जांच

वर्तमान ड्रेनेज नेटवर्क की क्षमता, डिजाइन और कमियों का विस्तृत आकलन।
तकनीकी सुझाव

किस इलाके में किस तरह की इंजीनियरिंग समाधान से पानी की निकासी बेहतर होगी, इसकी चरणबद्ध तकनीकी रूपरेखा।
भविष्य की योजनाओं का आधार

आगे बनने वाली सभी नगर निगम योजनाएं इसी वैज्ञानिक मॉडल पर आधारित होंगी जिससे बजट और संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके।
जीआइएस को सौंपा जा चुका है डेटा

नगर निगम ने आइआइटी टीम को शहर की टोपोग्राफी, ड्रेनेज लाइनें, सीवर कनेक्टिविटी, अतिक्रमण और जलभराव वाले इलाकों का पूरा जीआइएस डेटा हस्तांतरित कर दिया है। विशेषज्ञ इन्हीं आंकड़ों के आधार पर हाई-प्रीसिशन माडल तैयार करेंगे। गुरुग्राम की मौजूदा चुनौती गुरुग्राम में वर्षा होते ही नरसिंहपुर, हीरो होंडा चौक, इफको चौक, सेक्टर रोड और कई प्रमुख जंक्शन पानी से भर जाते हैं।

अनियोजित विकास, संकरे नाले, अतिक्रमण और सीवर मिश्रण की वजह से निकासी क्षमता बेहद कमजोर है। हर साल बड़े पंप और अस्थायी सफाई से काम चलाने की मजबूरी अब निगम खत्म करना चाहता है। पहली बार किसी तकनीकी संस्थान के साथ इतनी व्यापक साझेदारी की गई है। आइआइटी की टीम एक साल तक गुरुग्राम में रहकर साइट विजिट, माडलिंग, डेटा समीक्षा और तकनीकी समाधान तैयार करेगी।

  


शहर को जलभराव से स्थायी राहत दिलाने के लिए आईआईटी गांधीनगर के साथ एक वर्ष का एमओयू किया गया है। टीम पूरे शहर में अध्ययन कर मास्टर ड्रेनेज मॉडल तैयार करेगी। उसी के आधार पर निगम आगे की योजनाएं बनाएगा। आईआईटी ने अपना प्रारंभिक प्रस्तुतीकरण दे दिया है।  
-

प्रदीप दहिया, आयुक्त, नगर निगम गुरुग्राम
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content