नेतन्याहू ने फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना के किसी भी प्रयास का किया विरोध (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना के किसी भी प्रयास का विरोध करने की शपथ ली। उन्होंने यह घोषणा तब की है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फलस्तीनी स्वतंत्रता के लिए रास्ता खुला रखने वाले अमेरिकी प्रस्ताव पर सोमवार को मतदान होना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नेतन्याहू लंबे समय से फलस्तीन राष्ट्र की संभावना से इन्कार करते रहे हैं। रूस, चीन और कुछ अरब देशों के विरोध के बावजूद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय बल के लिए अमेरिकी प्रस्ताव पर सोमवार को मतदान की उम्मीद है।
वहीं, नेतन्याहू के सहयोगियों ने फलस्तीनी स्वतंत्रता की मांगों को लेकर कड़ा रुख अपनाने का आग्रह किया है। इस पर नेतन्याहू ने कहा कि फलस्तीनी राष्ट्र के प्रति इजरायल के विरोध में जरा भी बदलाव नहीं आया है। उन्हें बाहरी या आंतरिक दबाव का कोई खतरा नहीं है। उन्हें किसी की सलाह या उपदेश की जरूरत नहीं। ट्रंप की योजना में गाजा को विसैन्यीकृत करने और हमास को निरस्त्र करने का आह्वान किया गया है। यह या तो आसान तरीके से होगा या फिर कठिन तरीके से।
सऊदी अरब को इजरायल से संबंध सामान्य करने के लिए राजी करने में जुटे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सऊदी अरब को इजरायल से संबंध सामान्य करने के लिए राजी करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में अब्राहम समझौते को आगे बढ़ाने की कोशिशों का जिक्र किया। व्हाइट हाउस में मंगलवार को ट्रंप जब सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मिलेंगे, तो संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिश एजेंडे में सबसे ऊपर रहने की उम्मीद है।
ट्रंप ने कहा, \“\“मुझे उम्मीद है कि सऊदी अरब बहुत जल्द अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर करेगा।\“\“ प्रशासन के तीन अधिकारियों ने आंतरिक विचार-विमर्श का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी उम्मीद है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के अंत तक समझौता हो सकता है।
नेतन्याहू ने पुतिन से की बात
एएनआइ के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नेतन्याहू के साथ फोन पर गाजा और क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की। क्रेमलिन ने बयान में कहा, \“\“पश्चिम एशिया की स्थिति पर गहन विचार-विमर्श हुआ, जिसमें युद्धविराम समझौते के कार्यान्वयन और हिरासत में लिए गए लोगों की अदला-बदली के संदर्भ में गाजा पट्टी में घटनाक्रम, ईरान के परमाणु कार्यक्रम की यथास्थिति और सीरिया में और अधिक स्थिर माहौल में योगदान देने से संबंधित मुद्दे शामिल थे।\“\“
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