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बिहटा–औरंगाबाद रेल लाइन में होंगे 14 स्टेशन और 10 हाल्ट, रेलवे ने मंजूर किए 3606.42 करोड़ रुपये_deltin51

cy520520 2025-10-1 04:06:28 views 899

  बिहटा– औरंगाबाद रेल लाइन में होंगे 14 स्टेशन और 10 हाल्ट, डेढ़ से दो घण्टे में तय होगी दूरी





विद्या सागर, पटना। बिहटा- औरंगाबाद रेल लाइन के निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद तीन जिले की 75 लाख से अधिक की आबादी को इससे बड़ी राहत मिलेगी।

पटना, अरवल और औरंगाबाद जिले के लोगों के लिए 18 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद रेलवे मंत्रालय ने बिहटा–अनुग्रह नारायण रोड नई रेल लाइन परियोजना को स्वीकृति देते हुए इसके लिए 3606.42 करोड़ रुपये की राशि मंजूर कर दी है। पूर्व मध्य रेलवे को तत्काल निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश भी दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



120 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर कुल 14 स्टेशन और 10 हाल्ट बनाये जायेंगे। प्रस्तावित स्टेशनों में बिहटा, विक्रम, दुल्हिन बाजार, पालीगंज, बारा, अरवल, खभैंणी, मेहंदिया, कलेर, शमशेर नगर, दाउदनगर, ओबरा, भरथौली, अनुग्रह नारायण रोड और औरंगाबाद शामिल हैं।

इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद पटना से औरंगाबाद के बीच सीधा रेल संपर्क स्थापित हो जाएगा। यात्रियों को पटना से औरंगाबाद पहुंचने में महज डेढ़ से दो घंटे का समय लगेगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार अनुग्रह नारायण रोड से औरंगाबाद तक 13 किमी रेल लाइन का कार्य पहले से ही स्वीकृत है और प्रगति पर है।



75 लाख से अधिक की आबादी को लाभ पहुंचाने वाली यह परियोजना मगध और शाहाबाद क्षेत्र के विकास में भी मील का पत्थर साबित होगी।


वर्ष 2007 में बिहटा औरंगाबाद रेल लाइन को मिली थी मंजूरी



बिहटा औरंगाबाद रेल लाइन को वर्ष 2007 में तत्कालीन यूपीए की सरकार ने मंजूरी थी। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 16 अक्टूबर 2007 को पटना जिले के पालीगंज में इस परियोजना की नींव रखी थी।




दैनिक जागरण ने इसे बनाया अपना मुद्दा



दैनिक जागरण ने इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को अपना मुद्दा बनाया। इस प्रोजेक्ट में हो रही देरी को लगातार प्रकाशित किया गया। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में दैनिक जागरण ने अपने घोषणा पत्र में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।


परियोजना की टाइम लाइन





2007

परियोजना का शिलान्यास हुआ और प्रारंभिक स्वीकृति मिली।

उस समय पटना–अरवल–औरंगाबाद को जोड़ने वाली सीधी रेल लाइन की घोषणा की गई।



2008–2010

रेलवे की ओर से सर्वेक्षण कार्य शुरू हुआ। इस दौरान प्रस्तावित रूट और स्टेशनों का निर्धारण किया गया।

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2011–2015

परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की गई, लेकिन बजट और प्राथमिकता सूची में न आने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।





2016–2019

बिहार सरकार और रेलवे के बीच भूमि अधिग्रहण को लेकर बातचीत हुई।

औरंगाबाद क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण का कार्य आंशिक रूप से पूरा हुआ।



2020–2022

रेलवे बोर्ड ने परियोजना को पुनः समीक्षा के लिए लिया।

इस दौरान अनुग्रह नारायण रोड से औरंगाबाद तक की 13 किमी लाइन को अलग से मंजूरी मिली और उस पर कार्य शुरू हुआ।





2023–2024

केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय के स्तर पर परियोजना की फाइल तेजी से आगे बढ़ी।

डीपीआर को अंतिम रूप दिया गया और लागत लगभग 4075 करोड़ रुपये आंकी गई।



सितंबर 2025

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना को अंतिम स्वीकृति दी।

निर्माण के लिए 3606.42 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई।

पूर्व मध्य रेलवे को तुरंत काम शुरू करने का आदेश जारी हुआ।



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