प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, बरेली। प्रदेश में फर्जी तरीके से 450 आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में यहां जिले के भी कई अस्पताल चिह्नित होने और बेग हास्पिटल के अनुबंध को निलंबित करने के बाद प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे है। स्टेट एजेंसी फार काम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) इस मामले में मिनी बाइपास स्थित पांच अस्पतालों को नोटिस भी जारी कर चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खास बात यह है कि आयुष्मान को लेकर जिले में ऐसा कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी आधार और यूजर आइडी में सेंध लगाकर आयुष्मान कार्डों को बनाने के प्रकरण सामने आ चुके हैं। जून 2025 में फरीदपुर में आयुष्मान के साथ फर्जी तरीके से आधार बनाने का मामला सामने आया था।
बताते है कि मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर पुलिस ने बिथरी चैनपुर के बिचपुरी और फरीदपुर के मठिया में जनसेवा केंद्र संचालकों के यहां से फर्जी आधार व अन्य प्रमाणपत्र भी बरामद किए थे। इसके साथ ही पुलिस को लैपटाप, प्रिंटर सहित कई सामान भी मिले थे। इस कार्रवाई में पकड़े गए पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
पिछले साल ही अगस्त में भी ऐसा ही एक और प्रकरण पकड़ा गया। इसमें इज्जतनगर थाना क्षेत्र में एक जनसेवा केंद्र की आड़ में आयुष्मान कार्डों के साथ ही आधार, ई-श्रमकार्ड भी बनाए जा रहे थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि एक जनसेवा केंद्र संचालक फर्जी तरीके से दस्तावेज बना रहा है। पुलिस ने सुमित नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया। इसकी इज्जतनगर थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी।
इसी तरह बदायूं के बिनावर क्षेत्र के रहने वाले रोहताश नाम के एक व्यक्ति ने एक चिकित्सक के खिलाफ शिकायत की थी कि उससे दस्तावेज लेकर न केवल फर्जी तरीके से उनके नाम का आयुष्मान कार्ड बनवा लिया गया, बल्कि उसके खाते से करीब 50 हजार का रुपये का भुगतान भी करा लिया गया।
इतना ही नहीं, पिपलसना चौधरी के रहने वाले मनोज कुमार शर्मा ने इज्तजनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उसने यह भी आरोप लगाया था कि जिले में पांच से 20 हजार रुपये लेकर आयुष्मान कार्ड बनवाने जा रहे हैं। इस बीच साचीज से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक, बेग अस्पताल में तैनात आयुष्मान मित्र की यूजर आइडी से 12 से अधिक कार्ड बनवाए गए थे।
इस कार्ड से अस्पताल में इलाज तक करा लिए गए। हालांकि इस अस्पताल के संचालक सुलेमान का कहना है कि उन्हें आनलाइन नोटिस तो मिला था, उसका जवाब भी दे दिया है लेकिन जिस आयुष्मान मित्र के बारे में पूछा जा रहा है, उस नाम के शख्स वो नहीं जानते ही नहीं है। हालांकि साचीज की ओर से इस कार्रवाई में पांच अन्य अस्पतालों को भी नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
इसमें अधिकांश मिनी बाइपास स्थित ही है। इस हास्पिटलों लेकर भी तमाम अस्पताल संचालकों के बीच अफरा-तफरी मची हुई है। इधर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई साचीन की ओर से चल रही है। इसलिए स्थानीय स्तर पर उनके पास कोई सूचना नहीं मिली है।
साचीज की ओर से चल रही कार्रवाई के बारे में स्थानीय स्तर पर मुझे जानकारी नहीं है। स्थानीय स्तर पर जो शिकायतें होती हैं, उनकी जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाती है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए सारी प्रक्रिया आनलाइन है।
- डा. विश्राम सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी
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