LHC0088 • 2025-11-14 14:36:40 • views 661
जागरण संवाददाता, सोनीपत। बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए नगर निगम ने बड़े पैमाने पर तैयार की है। वातावरण से प्रदूषण से धूल कण हटाने और पेड़-पौधों पर जमी धूल हटाने के लिए नगर निगम पांच और एंटी स्मॉग गन खरीदने जा रहा है। वहीं, सड़कों से धूल हटाने के लिए तीन रोड स्वीपिंग मशीन खरीदने की तैयारी में है। साथ ही नगर निगम खुले में भवनों का मलबा डाले जाने से होने वाले प्रदूषण से बचने के लिए वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भी लगाने जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लहराड़ा के पास बनने वाले इस प्लांट में मलबे से ईंटें बनाई जाएंगी जिससे निगम चारदीवारी जैसे निर्माण कार्यों में प्रयोग करेगा। दैनिक जागरण ने संसाधनों के अभाव में प्रदूषण से निपटने में आ रही परेशानी के मुद्दे को 28 अक्टूबर के अंक में प्रकाशित किया था, जिसके बाद अब निगम ने इससे निपटने के लिए कदम उठाए है।
दीपावली पर्व पर हुई आतिशबाजी से शहर की आबोहवा खराब हुई है। प्रदूषण में सुधार के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप-2) लागू है। इसके बाद भी वायु प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है। जिम्मेदार लापरवाह बने हुए हैं। शहर के कई इलाकों में खुले में पड़ा बिल्डिंग मेटेरियल, सड़क किनारे धूल उड़ने और वाहनों से निकलते धुएं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
वहीं, संसाधनों के अभाव में सड़कों पर पानी का नियमित छिड़काव न होने से दिनभर उड़ती धूल भी प्रदूषण बढ़ा रही है। यही कारण है कि शहर का प्रदूषण सात गुना तक बढ़ गया है। इस बार प्रदूषण का पिछले चार साल का रिकॉर्ड टूट रहा है, लेकिन प्रदूषण से निपटने में निगम असहाय नजर आ रहा है। निगम के पास महज एक ही एंटी स्माग गन है, जो सेक्टर 14–15 और बस स्टैंड एरिया में प्रयोग की जा रही है। अब नई गन शहर के भीड़भाड़ वाले और औद्योगिक इलाकों जैसे राई, मुरथल, कुंडली, सब्जी मंडी और जाट धर्मशाला रोड पर लगाई जाएंगी।
ऐसे काम करती है एंटी स्मॉग गन
वाटर टैंक से जुड़ी एंटी स्मॉग गन हवा में पानी की बेहद महीन बौछार करती है। एयर प्रेशर के साथ निकली पानी की बौछार से पैदा हुई नमी की वजह से धूल और प्रदूषण बढ़ाने वाले तत्वों के सूक्ष्म कण पानी के साथ नीचे जमीन पर आ जाते है। एंटी स्माग गन से निकली बौछार हवा में करीब 50 मीटर ऊपर तक जा सकती है।
शहर में प्रदूषण से हालत है खराब
एक सप्ताह से वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। औसतन एक्यूआइ स्तर 250 से 370 के बीच चल रहा है। जीटी रोड से लगते राई, मुरथल और कुंडली क्षेत्र में औद्योगिक धुआं और धूल भरा वातावरण हवा को और जहरीला बना रहा है। बृहस्पतिवार को एक्यूआइ 341 दर्ज किया, जिससे खतरनाक माना जाता है।
प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई, जुर्माना भी वसूला
एक सप्ताह में शहर के कई निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों की अनदेखी पाई गई। ऐसे ठेकेदारों पर चालान किए गए हैं। बस स्टैंड रोड, देव नगर, औद्योगिक एरिया और राई इलाके में पांच निर्माण साइटों पर जुर्माने लगाए गए हैं। इन निर्माण स्थलों पर जाल, पानी का छिड़काव और मलबे के उचित निस्तारण की व्यवस्था न मिलने पर कार्रवाई की गई। वहीं, राठधना रोड पर भट्ठियां जलाकर मूंगफली पक्का रहे विक्रेताओं पर भी कार्रवाई की गई। भट्ठी ध्वस्त कर 10 विक्रेताओं पर 500-500 जुर्माना लगाया है।
नंबर गेम
- 1500 लीटर पानी की क्षमता है एंटी स्माॉग गन की
- 20 से 25 लाख रुपये कीमत है एंटी स्मॉग गन की
- 30 मीटर दूरी तक पानी की बौछार करती है एंटी स्माग गन
- 50 मीटर की ऊंचाई तक जाती है एंटी स्मॉग गन से पानी की बौछार
- 03 किलोमीटर तक का प्रदूषण छंटता है एक टंकी पानी की खपत से
प्रदूषण से निपटने के लिए निगम कारगर कदम उठा रहा है। संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। एंटी स्माग गन, स्वीपिंग मशीन खरीदने सहित मलबे से निपटने की योजना बनाई गई है। वहीं, प्रदूषण फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जा रहा है। जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा।
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हर्षित कुमार, आयुक्त, नगर निगम |
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