असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम मंत्रिमंडल ने 25 नवंबर को राज्य विधानसभा सत्र के दौरान 1983 के नेल्ली नरसंहार की जांच करने वाले तिवारी आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने का फैसला किया है। गुरुवार को यह जानकारी मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि 1983 में असम में अभूतपूर्व हिंसा हुई थी और उस समय 2000 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि लगभग तीन लाख लोग महीनों तक राहत शिविरों में रहे थे। कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने कहा, \“\“असम गण परिषद के प्रफुल्ल कुमार महंत के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने इसकी जांच के लिए त्रिभुवन प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था। लेकिन, वह रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है।\“\“
\“1987 में किया था वादा लेकिन...\“
सरमा ने कहा, \“\“जब हमने जांच की तो पता चला कि 1987 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने विधानसभा में रिपोर्ट रखी थी और वादा किया था कि आने वाले दिनों में वह इसकी मुद्रित प्रतियां उपलब्ध कराएंगे। हालांकि, यह रिपोर्ट विधायकों और सांसदों को नहीं दी गई और यहां तक कि विधानसभा पुस्तकालय में भी यह उपलब्ध नहीं है।\“\“
अब बांटी जाएगी रिपोर्ट
उन्होंने आगे कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि रिपोर्ट विधानसभा के सदस्यों के बीच वितरित की जाएगी और इसकी प्रतियां विधानसभा पुस्तकालय को भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
यह भी पढ़ें: असम में बहुविवाह पर रोक, मंत्रिमंडल ने विधेयक को दी मंजूरी; सजा का है प्रावधान |