deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Delhi Blast: अल फलाह यूनिवर्सिटी के बिल्डिंग नंबर 17 और कमरा नंबर 13 में क्या हुआ था? खुल रहे सारे राज

deltin33 2025-11-13 23:08:38 views 853

  

फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में छिप गहरे राज?



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली से सटे फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी पिछले सोमवार को दिल्ली में हुए धमाके की प्लानिंग का सेंटर बनकर उभरी है। इस आतंकी घटना की जांच यूनिवर्सिटी में काम करने वाले चार डॉक्टरों पर केंद्रित है, जिनके तार पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े बताए जा रहे हैं। हालांकि यूनिवर्सिटी ने दावा किया है उसका इस संगठन से कोई लेना-देना नहीं है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जिन चार डॉक्टरों की बात की जा रही है, उनमें डॉ. उमर मोहम्मद, डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. आदिल राथर और डॉ. शहीद सईद शामिल हैं। फिलहाल डॉ. उमर मोहम्मद की उस कार विस्फोट मौत हो चुकी है, जो सोमवार को लाल किले के मेट्रो स्टेशन के पास हुआ। डीएनए जांच के जरिए पता चला कि हुंडई आई 20 को उमर चला रहा था। बाकी के तीन डॉक्टर पुलिस हिरासत में हैं।
कैसे बनाया गया था धमाकों का प्लान?

इन चारों डॉक्टरों ने पूरी दिल्ली में आतंकवादी हमले करने के लिए 20 लाख रुपये इकट्ठे किए थे और अब ऐसी खबरें हैं कि इन लोगों ने 6 दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर में सिलसिलेवार धमाकों का प्लान बनाया था। यह वही दिन है, जिस दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था।
उमर को दी गई थी पूरी रकम

जो 20 लाख रुपये इकट्ठे किए गए थे उस रकम को डॉ. उमर को सौंप दिया गया था। बाद में इसने गुरुग्राम, नूंह और आसपास के कस्बों से लगभग 26 क्विंटल एनपीके खाद खरीदी। इसकी कीमत लगभग 3 लाख रुपये थी। यह खाद आईईडी बनाने के लिए खरीदी गई, जिसे विस्फोट की साजिश की हिस्सा माना जा रहा है।
बिल्डिंग नंबर 17 और कमरा नंबर 13 का क्या है राज?

70 एकड़ में फैली अल फलाह यूनिवर्सिटी दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से लगभग 27 किमी. दूर है। यही यूनिवर्सिटी दिल्ली धमाके का केंद्र बन गई है। इसकी बिल्डिंग नंबर 17 में डॉ. उमर और उसके साथी गुप्त रूप से मिलते थे। इसी बिल्डिंग का कमरा नंबर 13 डॉ. मुजम्मिल का था, जहां पर आतंकवादी अक्सर मुलाकात करते थे। पुलिस को शक है कि इसी कमरे में दिल्ली और यूपी के कई हिस्सों में विस्फोट करने की योजना बनाई गई।
जांच एजेंसियों ने क्या पता लगाया?

  • आतंकवादियों ने पहले विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला से बम बनाने के लिए रसायनों की तस्करी करने की योजना बनाई थी। प्रयोगशाला मुज़म्मिल के कमरे से कुछ ही मीटर की दूरी पर है।
  • डॉ. उमर और डॉ. शाहीन ने कैमिकल इकट्ठा किया फिर उन्हें फरीदाबाद के धौज और तागा गाँवों में किराए के मकानों पर रखा गया।
  • डॉ. मुजम्मिल का कमरा अब सील कर दिया गया है और वहां से कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और पेन ड्राइव बरामद किए गए हैं। कोड वर्ड और एन्क्रिप्टेड मैसेज से भरी दो डायरियां भी मिलीं, जिनमें \“ऑपरेशन\“ शब्द का बार-बार जिक्र था।
  • फोरेंसिक एक्सपर्ट्स को कमरे और यूनिवर्सिटी की लैब दोनों से रासायनिक अवशेष और डिजिटल डेटा भी मिला है। पुलिस को अब संदेह है कि प्रयोगशाला से तस्करी करके लाए गए रसायनों का इस्तेमाल ऑक्सीकारक के साथ थोड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट मिलाकर विस्फोटक बनाने के लिए किया गया था।
  • फरीदाबाद में छापेमारी के दौरान, पुलिस ने 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट सहित 2,000 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक सामग्री बरामद की थी।


यह भी पढ़ें: \“असली काम 4 बजे के बाद\“, दिल्ली धमाके की आरोपी डॉ. शाहीन सईद का खुला चौंकाने वाले राज
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

310K

Threads

0

Posts

1010K

Credits

administrator

Credits
104703
Random