हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, मंडी। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर राजनीतिक द्वेष की भावना से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंडी जिले के साथ लगातार भेदभाव कर रहे हैं। जिले के हर संस्थान को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।
मीडिया को जारी एक बयान में जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से प्रदेश में विकास के बजाय संस्थानों को कमजोर करने का क्रम जारी है।
मुख्यमंत्री सुक्खू व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर तीन वर्ष पूरे करने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने व्यवस्था को सुधारने के बजाय उसे अव्यवस्था में बदल दिया है। मुख्यमंत्री जहां भी जाते हैं, वहां देने के बजाय छीनने का काम करते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दो बार एमआरआई मशीन लगाने का वादा किया पर नहीं लगी
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने दो बार अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी के दौरान नेरचौक मेडिकल कालेज में एमआरआइ मशीन लगाने का वादा किया था, पर तीन वर्ष बाद भी घोषणा धरातल पर नहीं उतरी। अब तक रोगी कल्याण समिति की एक भी बैठक नहीं हुई है। इससे सरकार की लापरवाही उजागर होती है।
पटेल यूनिवर्सिटी को कमजोर किया
पहले सरकार ने मंडी में खोली गई सरदार वल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी को कमजोर किया। उसका दायरा घटाकर केवल दो जिलों तक सीमित कर दिया।
नेरचौक से 41 डॉक्टरों का तबादला, बदले की भावना से लिया निर्णय
अब अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी को नेरचौक से सरकाघाट स्थानांतरित करने का निर्णय भी मंडी विरोधी मानसिकता का परिचायक है। यह निर्णय बदले की भावना से लिया गया है ताकि मंडी की जनता को राजनीतिक लाभ के लिए आपस में बांटा जा सके। अब नेरचौक मेडिकल कालजे एवं अस्पताल से 41 डाक्टरों का एक साथ स्थानांतरण कर दिया।
2027 के चुनाव में भुगतना पड़ेगा खामियाजा
उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपा ऐसा कभी नहीं होने देगी व कांग्रेस को इसका राजनीतिक खामियाजा 2027 के चुनावों में भुगतना पड़ेगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा के पास मंडी की दस में से नौ सीटें हैं और जनता भली भांति जानती है कि विकास किसने किया और संस्थान किसने बंद किए।
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सुक्खू मंडी ही नहीं हमीरपुर में भी असंतोष झेल रहे
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मंडी ही नहीं, बल्कि अपने जिले हमीरपुर में भी असंतोष झेल रहे हैं, जहां दो विधायकों और एक निर्दलीय ने उनसे दूरी बनाकर भाजपा का साथ दिया है। मुख्यमंत्री अब बदले की राजनीति छोड़कर विकास की दिशा में काम करें। जनता और अधिकारी दोनों ही सरकार की नीतियों से परेशान हैं। लगातार मनमाने फैसलों से न विकास हो पा रहा है, न प्रशासनिक व्यवस्था पटरी पर है।
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जनता भाषणों से नहीं, ठोस विकास कार्यों से प्रभावित होगी
मुख्यमंत्री सुक्खू को समझना चाहिए कि जनता अब भावनात्मक भाषणों से नहीं, ठोस विकास कार्यों से प्रभावित होगी। अगर सरकार ने अपने रवैये में बदलाव नहीं किया तो आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। कांग्रेस आठ से 10 सीटों पर सिमट कर रह जाएगी। |