संवाद सूत्र, त्रिवेणीगंज (सुपौल)। त्रिवेणीगंज विधानसभा क्षेत्र में इस बार मतदान का नजारा बिल्कुल अलग था। लोकतंत्र के इस महापर्व में जहां आम जनता में उत्साह देखा गया, वहीं आधी आबादी की भागीदारी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। आधी आबादी ने साबित कर दिया कि वे अब केवल चारदीवारी तक ही सीमित नहीं, बल्कि लोकतंत्र की निर्णायक शक्ति बन चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मतदान में महिलाओं ने पुरुषों को काफी पीछे छोड़ते हुए राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया। प्राप्त चुनावी आंकड़ों के अनुसार, कुल 99,127 पुरुष मतदाता और 1,21,614 महिला मतदाता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान प्रतिशत के लिहाज से महिलाओं की भागीदारी 83.45%, जबकि पुरुषों की 62.58% रही।
अर्थात महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में लगभग 21 प्रतिशत अधिक मतदान कर एक नया इतिहास रच दिया। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव वर्ष 2020 की तुलना में इस बार मतदान में 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो इस क्षेत्र में लोकतांत्रिक जागरूकता और जनसहभागिता के बढ़ते स्तर का संकेत है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह वृद्धि केवल उत्साह का परिणाम नहीं है, बल्कि महिलाओं में बढ़ती राजनीतिक चेतना और सरकारी नीतियों के प्रभाव का भी प्रमाण है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जीविका दीदी समूहों को दिए गए आर्थिक प्रोत्साहन, जैसे चुनाव पूर्व दस हजार की सौगात और आगामी दो लाख के वादे ने भी महिला मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
हालांकि, कुछ राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि इस बदलाव के पीछे महिलाओं में सत्ता परिवर्तन की भावना और अपने अधिकारों के प्रति बढ़ती सजगता प्रमुख कारण भी हो सकते हैं। अब देखना यह होगा कि इस ऐतिहासिक मतदान का असर नतीजों पर कितना गहरा पड़ता है। |