बोकारो थर्मल पावर प्लांट स्टेशन। (फाइल फोटो)
जागरण, संवाददाता, बेरमो (बोकारो)। Damodar Valley Corporation (DVC) के झारखंड के बोकारो जिला के बेरमो स्थित बोकारो थर्मल पावर स्टेशन के ए पावर प्लांट पर अंततः छाई (राख) की कालिख पुत गई। इस पावर प्लांट का ऐश पौंड पूरी तरह भर जाने व छाई निस्तारण नहीं हो पाने के कारण विद्युत उत्पादक बंद करना पड़ा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
Bokaro Thermal Power Plant की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 500 मेगावाट है। प्रबंधकीय सूत्रों के अनुसार जिस समय इस प्लांट को बंद किया गया, तब इसकी विद्युत उत्पादक इकाइयों से 360 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा था। इस प्लांट के बंद हो जाने से झारखंड व बिहार समेत दिल्ली-पंजाब में भी बिजली का आंशिक संकट छा गया है।
प्लांट को बंद करन से डीवीसी को प्रतिदिन छह करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। पिछले चार माह से विस्थापितों एवं हाइवा ओनर एसोसिएशन के आंदोलन के कारण इस पावर प्लांट के ऐश पौंड में जमा छाई का निस्तारण पूरी तरह ठप है।
ऐश पौंड के तीनों टैंक लबालब भर जाने के कारण प्लांट से उत्सर्जित राख को रखने की कोई जगह नहीं बची। हालांकि बीते एक नवंबर को बेरमो के एसडीएम मुकेश कुमार मछुआ की अध्यक्षता में हुई वार्ता के बाद छाई उठाव किए जाने की सहमति बनी थी, लेकिन ऐश पौंड के 55 ठेका मजदूर अपने बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर अड़े रहे।
ऐश पौंड से छाई का उठाव बंद रहने की वजह से इस पावर प्लांट का उत्पादन बीते चार माह प्रभावित हुआ और अंतत: इस संयंत्र को मंगलवार की देर रात बंद करना पड़ा। हालांकि डीवीसी के अधिकारियों ने अंतिम समय तक मजदूरों के प्रतिनिधियों से वार्ता कर बिजली उत्पादन जारी रखने की कोशिश की।
डीवीसी का पंजाब सरकार के साथ है एमओयू
बिजली आपूर्ति को लेकर डीवीसी का पंजाब सरकार के साथ एमओयू (मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग) है, ऐसे में अब बोकारो थर्मल को अन्य प्लांटों से बिजली लेकर पंजाब को आपूर्ति करनी पड़ रही है। बिजली उत्पादन ठप होने से दिल्ली, झारखंड और बिहार को भी आंशिक बिजली संकट झेलना पड़ सकता है।
यदि एक सप्ताह के दौरान इस प्लांट में विद्युत उत्पादन शुरू नहीं हुआ तो विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती है। साथ ही ठेका व अनुबंध पर कार्यरत लगभग एक हजार मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। डीवीसी प्रबंधन ने झारखंड के मुख्य सचिव, ऊर्जा सचिव, बोकारो जिला के उपायुक्त एवं बेरमो के एसडीएम को इस संबंध में जानकारी दे दी है।
15 जुलाई से ही ऐश पौंड से छाई उठाव का कार्य ठप
बीते 15 जुलाई से ही विस्थापितों एवं हाइवा ओनर एसोसिएशन के सदस्यों ने ऐश पौंड से छाई उठाव का कार्य ठप कर रखा है। छाई की ढुलाई नहीं हो पाने के कारण प्लांट में उत्सर्जित राख का जमाव बढ़ता गया और स्थिति गंभीर होती चली गई।
लगातार 108 दिनों तक छाई उठाव का कार्य ठप रहने के बाद बीते 30 अक्टूबर को बेरमो के एसडीएम मुकेश मछुआ की अध्यक्षता में वार्ता आयोजित की गई, जो असफल रही। उसके बाद एक नवंबर को पुनः एसडीएम की अध्यक्षता में बैठक हुई, जो सफल रही।
इसके बावजूद ऐश पौंड के 55 ठेका मजदूर चार माह का बकाया भुगतान पहले करने की मांग पर अड़े रहे। इस विषय पर डीवीसी के स्थानीय प्रबंधन का कहना है कि वह सभी मजदूर जिस ठेका कंपनी से बकाया वेतन मांग रहे हैं, वह कंपनी तो यहां से संविदा अवधि समाप्त हो जाने के बाद अन्यत्र चली गई।
पंजाब को बिजली आपूर्ति करने के लिए डीवीसी मजबूर
बीटीपीएस प्लांट प्रमुख सुशील कुमार अरजरिया ने बताया कि प्लांट बंद ना हो, इसके लिए अंतिम समय तक प्रयास किया गया। अंत में डीवीसी मुख्यालय को सूचना दे कर प्लांट बंद कर दिया गया। पंजाब के साथ हमारा एमओयू है, इस लिए पंजाब को हम बिजली खरीद के पूर्ति कर रहे है। |