चुनाव में NDA के विकास की हवा थामने को मचल रहा महागठबंधन, VIP के लिए होगी अग्निपरीक्षा!
मृत्युंजय भारद्वाज, दरभंगा। मिथिलांचल की हृदयस्थली दरभंगा के मतदाताओं को विकास की गारंटी अच्छी लगती है, जैसे कि उड़ान भरने वालों के लिए दरभंगा हवाईअड्डा। एम्स का लाभ भले ही अभी नहीं मिल रहा, लेकिन पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए शिलान्यास को लोग भूले नहीं हैं। तारामंडल, आइटी पार्क विकास की कहानी बता रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एनडीए को इससे बड़ा आसरा है, लेकिन उसके इस मजबूत किले में प्रवेश के लिए महागठबंधन की जुगत भी कम नहीं। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बाद तो महागठबंधन के नेताओं का दौरा और बढ़ गया है। पिछली बार दरभंगा प्रमंडल की कुल 30 में से 22 सीटों पर एनडीए विजयी रहा था। बची आठ सीटों में पांच तो समस्तीपुर जिला की ही हैं।
यह जिला एनडीए को प्राय: ठेंगा दिखा देता है। संभवत: इसी कारण 27 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संवाद कार्यक्रम समस्तीपुर में हुआ। दरभंगा में एनडीए सरकार के विकास कार्य लगातार आगे बढ़ रहे। हवाईअड्डा को अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा। एम्स निर्माणाधीन है। आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से तीनों जिलों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
मखाना बोर्ड से किसानों के दिन बहुरेंगे। तारामंडल, आइटी पार्क, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के खुलने के बाद अब डीएमसीएच में 17 सौ बेड का होने जा रहा। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री आए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जैसे एनडीए के बड़े नेता हाल के महीनों के आ चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा आदि के दौरों से कार्यकर्ता व समर्थक उत्साहित हैं।
दूसरी ओर, वोटर अधिकार यात्रा में राहुल गांधी व प्रियंका गांधी दरभंगा के साथ मधुबनी पहुंचे थे। हालांकि, दरभंगा में एक मंच से प्रधानमंत्री की मां को कहे गए अपशब्द महागठबंधन पर भारी पड़ सकते हैं। राजद के तेजस्वी यादव, वीआइपी के मुकेश सहनी, माले के दीपंकर भट्टाचार्य जनता का भरोसा जीतने का प्रयास कर रहे। पक्ष और विपक्ष दोनों ही विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
वीआईपी के लिए अग्निपरीक्षा:
मुकेश सहनी का गृह जिला दरभंगा है। ऐसे में उनके लिए यह चुनाव अग्निपरीक्षा होगी। 2020 का चुनाव उन्होंने एनडीए के साथ मिलकर लड़ा था। इसमें उन्हें दरभंगा से दो सीटें मिली थीं, लेकिन बाद में उनके विधानसभा क्षेत्र गौड़ाबौराम से निर्वाचित स्वर्णा सिंह और अलीनगर के मिश्रीलाल यादव वीआइपी छोड़ भाजपा में सम्मिलित हो गए थे। इस बार जन सुराज पार्टी की मजबूत उपस्थिति मानी जा रही। प्रशांत किशोर के लगातार दौरे व सभाओं से माहौल बना है।kabir khan,amit rai,donald trump,Donald Trump Tariff Announcement,Donald Trump Tariff Controversy
टिकट के लिए दांव-पेच:
हर दल में कई-कई दावेदार गोटी सेट करने में लगे हैं। इसके लिए इंटरनेट मीडिया पर भी चेहरा चमकाया जा रहा। तरह-तरह के सर्वे में टिकट की दौड़ में संबंधित नेता अपने को आगे बता रहे हैं। इनमें कुछ ऐसे भी हैं, जो टिकट से वंचित होने पर निर्दलीय मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। कुछ विधायकों-मंत्रियों को बेटिकट कराने के लिए दलीय साथी भी सक्रिय हैं।
मधुबनी की 10 सीटों में से पांच पर भाजपा, तीन पर जदयू और दो पर राजद काबिज है। कांग्रेस अपनी दोनों सीटें (फुलपरास व बेनीपट्टी) हार गई थी। इस बार कांग्रेस इनके अलावा हरलाखी भी मांग रही। झंझारपुर वीआइपी के पाले में जा सकती है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में राजद ने यह सीट उसके हवाले की थी। पिछली बार झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र से भाकपा लड़ी थी। एनडीए में जदयू का एक खेमा झंझारपुर के लिए दबाव बनाए हुए है।
समस्तीपुर में अभी तीन पर जदयू, दो पर भाजपा, चार पर राजद व एक पर माकपा का कब्जा है। जिले की सबसे महत्वपूर्ण हसनपुर सीट है, जहां से तेजप्रताप विधायक हैं। यहां दावेदारों की लंबी सूची है। पिछली बार जहां-जहां जदयू या भाजपा रनर रही, उस सीट पर सर्वाधिक पेच एनडीए में है।
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी की कल्याणपुर सीट पर महागठबंधन में लोजपा (पारस गुट) व माले आंख गड़ाए हैं। सरायरंजन से मंत्री विजय चौधरी के मुकाबले के लिए राजद व वीआइपी में दांव-पेच है।
प्रमंडल का परिणाम
वर्ष एनडीए महागठबंधन
2010
23
07
2015
04
26
2020
23
08
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