लघु खनिज के अवैध चालान के मामले में बढ़ेगी अब और सख्ती
राज्य ब्यूरो, पटना। खान एवं भू-तत्व विभाग लघु खनिज विशेषकर बालू और पत्थर के परिवहन चालान को लेकर काफी सख्त हो गया है। दरअसल, विभाग ने परिवहन चालान में कई प्रकार त्रुटियां पाए जाने के बाद नियमों में सख्ती का निर्णय लिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विभाग ने यह व्यवस्था भी बनाई है कि जो कार्य विभाग लघु खनिजों का उपयोग कर रहे हैं, वे कार्य संवेदक द्वारा जमा किए गए चालान की कार्यपालक अभियंता से सत्यता जांच कराएं। इसके बाद भी संवेदकों को किसी प्रकार का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खान एवं भू-तत्व विभाग की समीक्षा में एक बात सामने आई कि ज्यादातर खनिज परिवहन चालान में वाहन चालक का नाम और गंतव्य दर्ज नहीं होता है।
नतीजा एक चालान का इस्तेमाल कई परियोजनाओं में हो जाना बेहद आसान और सहज है। एक ही चालान का उपयोग अनेक खनिज के परिवहन के लिए होने की स्थिति में सरकार को बड़े राजस्व का नुकसान होता है।
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समीक्षा बैठक में तमाम तथ्यों पर विचार करने के बाद विभाग ने तय किया है कि अब व्यवस्था बनाई है कि लघु खनिज चालान पर उपभोक्ता और लघु खनिज खरीदार का नाम अनिवार्य रूप से रहेगा।
यदि ऐसा नहीं होगा तो चालान को अवैध मानकर नियमों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही चालान में गंतव्य जैसे राज्य, जिला, थाना और ब्लाक का विवरण निश्चित रूप से दर्ज किया जाएगा।
इसके अलावा विभाग को बिल देते वक्त संवेदक को बिल के साथ वैद्य स्रोत से प्राप्त चालान भी जमा करना होगा। इसके बाद उसकी जांच होगी तब लघु खनिज के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। अगर किसी जांच में चालान अवैध पाया गया तो खनिज मूल्य का 25 गुणा जुर्माना संवेदक से वसूला जाएगा।
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