हार्ट अटैक से बचने के लिए जान लें सोने का सही समय (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपको देर रात तक जागने के आदत है और आधी रात के बाद सोना आपके रूटीन का हिस्सा बन गया है, तो आपको थोड़ा सावधान हो जाना चाहिए। दरअसल, देर रात तक जागने की आदत हार्ट अटैक (Heart Attack) का कारण बन सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जी हां, दरअसल यूरोपियन हार्ट जर्नल में पब्लिश एक ताजा रिसर्च चौंकाने वाला खुलासा कर रही है। इस रिसर्च के मुताबिक रात 10 से 11 बजे के बीच सोना शुरू करने वाले लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा (Sleep Time to Prevent Heart Attack) सबसे कम पाया गया है। इसलिए इस समय को नींद का “गोल्डन आवर“ कहा जाता है।
नींद और दिल का कनेक्शन
हम अक्सर दिल की सेहत के लिए डाइट और एक्सरसाइज पर जोर देते हैं, लेकिन नींद का सही समय भी उतना ही जरूरी है। यह रिसर्च इसी ओर इशारा करती है। देर रात तक जागने वाले लोगों की शरीर की नेचुरल क्लॉक, जिसे \“सार्केडियन रिदम\“ कहते हैं, गड़बड़ा जाती है। यह रिदम हमारे शरीर के लगभग हर फंक्शन को कंट्रोल करती है, जिसमें हार्ट बीट, ब्ल़ प्रेशर और हार्मोनल बैलेंस शामिल है। जब यह अनियमित होती है, तो दिल और दिमाग दोनों पर दबाव पड़ता है, जिससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
88,000 लोगों पर हुई रिसर्च
इस नतीजे तक पहुंचने के लिए शोधकर्ताओं ने 43 से 74 वर्ष की आयु के 88,000 ब्रिटिश वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया। प्रतिभागियों ने एक स्पेशल ट्रैकर डिवाइस पहनी थी, जिसने उनकी नींद की आदतों पर नजर रखी। लगभग 5.7 साल तक चले इस स्टडी में उनकी नींद के पैटर्न को हार्ट डिजीज के जोखिम से जोड़कर देखा गया और पता चला-muzzaffarnagar-crime,Muzaffarnagar News,MBBS fraud,student duping,foreign education scam,Uzbekistan MBBS,Uzbekistan MBBS scam,Edutech Advisor agency, Muzaffarnagar crime news,student exploitation, UP Crime News, मुजफ्फरनगर समाचार, मिशन शक्ति ,Uttar Pradesh news
- जो लोग रात 10:00 से 10:59 बजे के बीच सोते थे, उनमें दिल की बीमारियों का जोखिम सबसे कम पाया गया।
- 11:00 से 11:59 बजे के बीच सोने वालों में यह जोखिम थोड़ा बढ़ गया, लगभग 12% तक।
- आधी रात के बाद सोने वालों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 25% तक ज्यादा देखा गया।
- दिलचस्प बात यह है कि रात 10 बजे से पहले सोने वालों में भी रिस्क में लगभग 24% की बढ़ोतरी देखी गई, जो यह इशारा करता है कि बहुत जल्दी या बहुत देर से सोना, दोनों ही नुकसानदायक हो सकते हैं।
महिलाओं पर ज्यादा असर
इस रिसर्च में एक और जरूरी बात सामने आई कि देर से सोने का नकारात्मक प्रभाव पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर ज्यादा पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि महिलाओं की बायोलॉजिकल क्लॉक और हार्मोन साइकिल नींद की रूटीन में गड़बड़ी के लिए ज्यादा सेंसिटिव होते हैं, जिसके कारण उनमें दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
अपनी नींद को कैसे बनाएं \“हार्ट-फ्रेंडली\“?
हेल्दी हार्ट के लिए सिर्फ नींद का अवधि ही नहीं, बल्कि उसका सही समय भी जरूरी है। इन आसान उपायों को अपनाकर आप भी अपने दिल की सेहत सुधार सकते हैं-
- एक समय तय करें- हर रात 10 से 11 बजे के बीच सोने का लक्ष्य रखें।
- सोने से पहले डिजिटल डिटॉक्स- सोने से कम से कम 30-60 मिनट पहले मोबाइल फोन, लैपटॉप और टीवी जैसे गैजेट्स से दूरी बना लें। इनकी ब्लू लाइट नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन के प्रोडक्शन में बाधा डालती है।
- हल्का और जल्दी डिनर- रात का खाना हल्का रखें और कोशिश करें कि सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले डिनर कर लिया जाए। देर से खाना पचाने में दिक्कत करता है और नींद में खलल डाल सकता है।
- आरामदायक माहौल बनाएं- अपने बेडरूम को शांत, अंधेरा और ठंडा रखें। अगर जरूरत हो तो पर्दों का इस्तेमाल करें।
- कैफीन और निकोटीन से बचे- शाम के बाद चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स और स्मोकिंग से परहेज करें।
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