यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में ला में नामांकन को लेकर होने वाली प्रवेश परीक्षा के कुल सीटों की तुलना में आधे पर भी आवेदन नहीं आए हैं। विश्वविद्यालय की ओर से जारी आनलाइन आवेदन की तिथि समाप्त होने के बाद अब तक केवल 1386 आवेदन आए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह उम्मीद की जा रही थी कि कम आवेदन को देखते हुए कालेजों की मांग पर विश्वविद्यालय की ओर से तिथि विस्तारित की जाएगी लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है। अब विश्वविद्यालय खुलने के बाद ही आवेदन की तिथि विस्तारित हो सकती है।
एलएलबी और प्री ला कोर्स में नामांकन के लिए लगातार दूसरे वर्ष विश्वविद्यालय की ओर से संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन 15 अक्टूबर को होनी है। पिछले वर्ष 11 कालेजों में नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं को विकल्प दिया गया था। इस वर्ष 15 कालेजों में नामांकन के लिए आनलाइन आवेदन का विकल्प दिया गया था।
पिछले वर्ष विश्वविद्यालय की ओर से सितंबर महीने में प्रवेश परीक्षा कराई गई थी। इस वर्ष अक्टूबर में प्रवेश परीक्षा होगी। लगातार दूसरे वर्ष विलंब से नामांकन प्रक्रिया शुरूआत होने के कारण छात्रों ने नामांकन में दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
दूसरी ओर इससे कालेजों की परेशानी लगातार बढ़ रही है। पिछले वर्ष भी देर से प्रवेश परीक्षा होने के कारण कालेजों में आधा से अधिक सीट खाली रह गई थी। इसके बाद कालेजों ने प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हुए छात्रों का भी नामांकन ले लिया था। इसके बाद विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रेशन रोक दिया गया।
होम साइंस में पांच शिक्षकों को सशर्त नियुक्ति
मुजफ्फरपुरः बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में दस्तावेज की जांच के बाद होम साइंस के पांच और सहायक प्राध्यापकों को सशर्त नियुक्ति की गई है। अगर शिक्षकों के दस्तावेज में किसी तरह की कोई टेंपरिंग, फर्जीवाड़ा, छेड़छाड़ या मानक के अनुरूप नहीं पाया जाता है तो बगैर कोई कारण बताए उसकी नियुक्ति बगैर कोई कारण बताए रद कर दी जाएगी।OnePlus 15,OnePlus 15 launch date,Snapdragon 8 Elite Gen 5,OnePlus 15 specifications,OnePlus 15 price in India,7000mAh battery smartphone,120W charging smartphone,LTPO AMOLED display,Triple rear camera setup,Flagship smartphone
सहायक प्राध्यापकों में डा. सीमा कुमारी, डा. श्वेता प्रियदर्शिनी, डा. जयश्री, डा. अरुणा कुमारी और डा. स्नेहा लता शामिल है। विश्वविद्यालय स्तर से गठित दस्तावेज सत्यापन समिति की अनुशंसा के आधार पर कुलपति की ओर से इन शिक्षकों की नियुक्ति की सशर्त अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया गया है।
अधिसूचना जारी होने के 21 दिनों के भीतर उन्हें रजिस्ट्रार कार्यालय में योगदान देना है। अगर निर्धारित अवधि में वे योगदान नहीं देते हैं तो उनकी नियुक्ति बगैर कारण बताए रद कर दिया जाएगा। सत्यापन समिति ने जांच के दौरान यह देखा गया है कि शिक्षक का नियुक्ति पत्र संबंधित कालेज के प्राचार्य और संंबंधित विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से काउंटर साइन किया गया है या नहीं।
फिर दुबारा जिन -जिन विश्ववि्दयालयों के रजिस्ट्रार ने यह लिखित उपलब्ध कराया है कि संंबंधित विश्वविद्यालय से प्रमाण पत्र जारी है तो उन्हें नियुक्ति के योग्य माना गया है। दूसरी ओर कालेजों की ओर से उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों को राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
इन दस्तावेजों की वैधता और प्रमाणीकरण को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के दिशानिर्देश पर ही वेतन भुगतान की प्रक्रिया होगी। दूसरी ओर कई शिक्षकों के दस्तावेज में त्रुटि और संदेह होने के कारण उनकी नियुक्ति रोकी गई है। पहले फेज में विश्वविद्यालय में होम साइंस के सात शिक्षकों के नियुक्ति की अधिसूचना जारी की गई थी।
इसके बाद दूसरे फेज में पांच शिक्षकों के नियुक्ति की सशर्त अधिसूचना जारी हुई है। उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की अनुशंसा के आधार पर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय को होम साइंस के लिए कुल 16 शिक्षक दिए गए थे।
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