दैनिक जागरण के गुरुग्राम सिविल लाइंस स्थित कार्यालय में बातचीत करते मंत्री अनिल विज। जागरण
आदित्य राज, गुरुग्राम। साइबर सिटी में देश का सबसे अत्याधुनिक बस टर्मिनल बनाया जाएगा। यह पीपीपी माडल पर बनाया जाएगा। देश में कहां-कहां पर पीपीपी माडल पर बस टर्मिनल बना है, इस बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। यह भी पता किया जा रहा है कि कहां पर क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं। पूरी जानकारी हासिल होने के बाद काम शुरू किया जाएगा, ताकि यह साइबर सिटी के नाम के अनुरूप बन सके। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह जानकारी प्रदेश के परिवहन, ऊर्जा, श्रम एवं रोजगार मंत्री अनिल विज ने दैनिक जागरण से बातचीत में दी। वह रविवार को दैनिक जागरण के कार्यालय में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि साइबर सिटी का नाम पूरी दुनिया में है। पूरी दुनिया के निवेशकों की पहली पसंद साइबर सिटी बन चुकी है। दुनिया के अधिकतर देशों के लोग इस शहर में रह रहे हैं।
अधिकतर मल्टीनेशनल कंपनियों का कार्यालय साइबर सिटी में है। ऐसे में यहां की ढांचागत व्यवस्था भी विश्व स्तरीय होनी चाहिए। इसे ध्यान में रखकर विश्व स्तरीय बस टर्मिनल बनाया जाएगा। पीपीपी मॉडल पर बनवाने के बाद भी सरकार का पूरा हस्तक्षेप रहे, यह ध्यान रखा जाएगा। पीपीपी माडल पर बनवाने के बाद कई बार कंपनियां मनमानी शुरू कर देती हैं। वे लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देती हैं। इसे ध्यान में रखकर ऐसा नियम बनाया जाएगा, जिससे कि सरकार का नियंत्रण रहे। राजस्व का कुछ हिस्सा सरकार को भी प्राप्त हो।
द्वारका एक्सप्रेसवे के आसपास गांव सीही में टर्मिनल के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध है। जब तक नया बस टर्मिनल नहीं बन जाता है, तब तक पुराने बस अड्डे में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हुए हैं। किसी भी हाल में लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। परिवहन सेवा की मजबूती को लेकर कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम जल्द आएंगे। बसें बेहतर हों, ध्यान दे रहे हैं। बसों के रखररखाव पर ध्यान देने का निर्देश है।
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मानेसर में भी बिजली की लाइनें होंगी भूमिगत
मंत्री अनिल विज ने कहा कि साइबर सिटी के अधिकतर इलाकों में बिजली की लाइनें भूमिगत करने का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही प्रोजेक्ट पूरा होगा। एक टेंडर फिर से किया गया है, इस वजह से प्रोजेक्ट के पूरा होने में देरी हुई।
मानेसर में लाइनें भूमिगत करने की योजना के ऊपर काम शुरू हो चुका है। प्रयास है कि पूरे जिले की बिजली आपूर्ति व्यवस्था ही भूमिगत कर दी जाए। भूमिगत व्यवस्था से लाइनों में फाल्ट की आशंका कम रहती है। वैसे तेज वर्षा होने पर या फिर आंधी चलने पर फाल्ट आने की आशंका रहती है।
गुरुग्राम एवं मानेसर में प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद सोनीपत एवं झज्जर में भी लाइनों को भूमिगत करने का विचार है। जल्द ही इस दिशा में कागजी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। गुरुग्राम में जहां कहीं भी गैस पाइप लाइन के ऊपर से बिजली की लाइनें गुजर रही हैं, उन सभी लाइनों को शिफ्ट किया जाएगा।
इस दिशा में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। दो महीने पहले गुरुग्राम में हुई घटना के बाद निर्देश जारी किए गए हैं। गैस पाइपलाइन में आग लगने से कई फीडर बंद हो गए थे। बिजली बिलों में गड़बड़ी को लेकर किए गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि इसके ऊपर काफी हद तक नियंत्रण कर लिया गया है।
अधिकारियों को निर्देश है कि वे किसी भी समस्या को लेकर लोगों को बार-बार चक्कर न लगवाएं। जैसे ही शिकायत आए, स्थायी रूप से उसका समाधान करें। सभी को पता है कि यदि शिकायत सामने आई तो बचाव मुश्किल।
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