आपात स्थिति में रोप लांचर से सौ मीटर की दूरी लांघ सकेगा आतंकवाद निरोधी दस्ता
अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा। आतंकवाद से निपटने के लिए सेना के साथ-साथ पुलिस के हाथों को भी मजबूत किया गया है। पुलिस की विशेष शाखा आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के हाथों में कई ऐसे हाई टेक्नोलाजी के हथियार सौंपे गए हैं जो दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में माहिर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इतना हीं नहीं आपात स्थिति में एटीएस के हाइराज बिल्डिंगों पर चढ़ने, दुर्गम इलाकों में आवाजाही को सुविधाजनक बनाने व नदियों को पार करने के उद्देश्य से एक ऐसा रोप लांचर (रस्सी फेंकने वाला यंत्र) से भी मुस्तैद किया गया है जिससे एक बार में सौ मीटर की दूरी लांघी जा सकती है।
इसकी रस्सी इतनी मजबूत है कि जिसकी मदद से एक साथ एक दो नहीं बल्कि तीन से चार जवान आसानी से सामान को लेकर बहुमंजिला इमारतों पर चढ़ाने के साथ नदियों को पार कर एक छोर से दूसरे छोर जा सकते हैं।
अभी तक एटीएस के पास महज 30 से 40 मीटर की दूरी लांघने की क्षमता वाला रोप लांचर ही मौजूदा था। इंडिया एक्सपोमार्ट में चल रहे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में रोप लांचर लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
हर कोई जानने का इच्छुक है कि आखिरकार पतली सी रस्सी को सौ मीटर तक पहुंचाने के साथ ही एक साथ इतने जवान कैसे आसानी से बहुमंजिला इमारतों पर चढ़ सकते हैं। एक्सपोमार्ट में रोप लांचर का प्रदर्शन कर रहे एटीएस के हेड कांस्टेबल प्रदीप शर्मा ने बताया कि रोप लांचर की रस्सी की क्षमता एक साथ तीन सौ से साढ़े तीन सौ किलोग्राम वजन को झेल सकती है। जो नाइलान से बनी है।patna-city-general,Patna City news,Bihar weather forecast,Heavy rainfall alert,Dussehra rain forecast,Bihar monsoon update,Patna weather update,India Meteorological Department,Bihar rainfall warning,Eastern Bihar rainfall,Extreme weather Bihar,Bihar news
रोप लांचर की आकृति गन की तरह की है। जिसका अधिकतम वजन 10 से 11 किलो है। इसका परिचालन आसान व रखरखाव की भी ज्यादा आवश्यकता नहीं होती। इसे गन की तरह शूट करने पर रस्सी एक छोर से दूसरे छोर पर आसानी से जा सकती है।
इस तरह से काम करता है रोप लांचर
गन नुमा रोप लांचर में सिलेंडर लगा हुआ है। जिसमें सीओ टू गैस या फिर सामान्य हवा के प्रेशर से एंकर के सहारे रस्सी को एक छोर से दूसरे छोर या फिर बहुमंजिला इमारत की तरफ निशाना साधकर छोड़ा जाता है। आपरेटर रोप लांचर का उपयोग करके रस्सी को लक्ष्य की ओर फेंकता है। एक बार जब रस्सी लक्ष्य तक पहुंच जाती है और ठीक तरीके से बंध जाती है तो यह एक मजबूत पुल (रोप) का काम करती है। इसके माध्यम से बचावकर्मी या फंसे हुए व्यक्ति सुरक्षित नीचे उतर सकते हैं या चढ़ सकते हैं।
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