मनोचिकित्सक डॉ. संजय कुमार और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. बिपिन सिन्हा
मोहन गोप, धनबाद। कोला कुसमा के रहने वाले 32 वर्षीय सुजीत कुमार करियर के तनाव में जूझ रहे हैं। बार-बार सीने में बेचैनी, घबराहट तो कभी पेट फूल रहा है। चिकित्सक को दिखाने के बाद पता चला सुजीत कुमार पैनिक डिसऑर्डर के शिकार हो रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लगातार डिप्रेशन के कारण शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन विपरीत प्रभाव कर रहा है और यह प्रभाव सीधे दिल को प्रभावित कर रहा है। सुजीत की तरह ही धनबाद में काफी संख्या में युवा दिल की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं।
इसकी एक बड़ी वजह डिप्रेशन को मानी जा रही है। शहर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर बिपिन सिन्हा बताते हैं की डिप्रेशन का एक बड़ा असर युवाओं पर पड़ रहा है और डिप्रेशन का सीधा संबंध हमारे हृदय से होता है।
तनाव के साथ ही भाग दौड़ की जिंदगी, असंतुलित लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव हृदय रोग इसका एक बड़ा कारण माना जा रहा है। यही कारण है कि 25 से 30 वर्ष के युवा भी हार्ट अटैक लेकर आ रहे हैं।
इस वर्ष का थीम \“धड़कन को न छोड़े\“
इस वर्ष 2025 में विश्व हृदय दिवस पर नया थीम तैयार किया गया है। इसका नाम \“धड़कन को न छोड़े\“ रखा गया है। हृदय स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और सक्रिय देखभाल की महत्व को इस बार विशेष फोकस किया गया है। लोगों से तनाव दूर करने, संतुलित खान पान और बेहतर जीवन यापन की सलाह दी गई है।
धनबाद में 96000 ह्वदय रोगी
डॉ. बिपिन सिन्हा बताते हैं धनबाद की कुल 32 लाख की आबादी में लगभग 3% आबादी फिलहाल हृदय रोग और उसके जोखिम से पीड़ित है।
अगर इस पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो यह संख्या डेढ़ लाख के पार जा सकती है और इसमें सबसे ज्यादा संख्या 25 से लेकर 35 वर्ष के युवाओं की भी है। पहले 45 के ऊपर के लोग पीड़ित हो रहे थे। लेकिन अब यह युवाओं को जकड़ रहा है।Salman Ali Agha, IND vs PAK, IND vs PAK Final, asia cup Final, asia cup T20, asia cup Statement, Suryakumar Yadav
एंजायटी न्यूरोसिस बन रहा है घातक : डॉ. संजय
सदर अस्पताल के मनो चिकित्सक डॉ संजय कुमार बताते हैं कि युवाओं में डिप्रेशन तेजी से बढ़ रहा है। इसमें करियर और रोजगार का तनाव, घरेलू कलह सुमित अन्य कारण एंजायटी न्यूरोसिस को बढ़ावा दे रही है।
डिप्रेशन के वजह से हृदय में प्लॉक जमा हो रहा है। जो ब्लॉकेज का भी कारण बन रहे हैं। युवा और डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति हृदय रोग के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में युवाओं को तनाव रहित जीवन जीने, दिनचर्या में बदलाव और संतुलित आहार के साथ प्राणायाम और योग करने की सलाह दी जा रही है।
मनोचिकित्सक और काउंसलर की सलाह लें
किसी भी प्रकार के तनाव होने पर इसे खुद तक नहीं रखें बल्कि इसके बारे में अपनी मनोचिकित्सक और काउंसलर से सलाह लें। मेडिकल कॉलेज और सदर अस्पताल में मनोचिकित्सक बैठ रहे हैं। सदर अस्पताल के युवा मैत्री केंद्र में किशोर किशोरियों के लिए अगल से सुविधा है।
इन बातों का रखें ध्यान
-तनाव रहित जीवन जीने की कोशिश करें
-शराब अथवा धूम्रपान का सेवन नहीं करें
-संतुलित खानपान और आहार व्यवहार का पालन करें
-जंक और फास्ट फूड का प्रयोग बंद करें
-किसी भी प्रकार के डिप्रेशन होने पर अपने मनोचिकित्सक के पास जाएं
 |