खानपान का तरीका बदलें, कम हो जाएगा हृदय रोग का जोखिम
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अनियमित दिनचर्या और गलत खान-पान के चलते ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के साथ ही हृदय रोग तेजी से पांव पसार रहे हैं। हाल तो ये है कि अब युवा भी इसके शिकार होने लगे हैं।
लोगों के खानपान के पैटर्न में बदलाव करने के लिए एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने देश के पारंपरिक खानपान और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में इस्तेमाल होने वाले सूजन रोधी खानपान को मिलाकर आइएएमडी (इंडियन एडाप्टेड मेडिटेरियन डाइट) आहार के 74 मीनू तैयार किए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इनका हृदय की धमनियों की बीमारी से पीड़ित 57 मरीजों पर तीन महीने तक अध्ययन किया गया। परिणाम चौंकाने वाले रहे। इन मीनू को शरीर में सूजन को कम करने के साथ ही हृदय रोग से बचाव में फायदेमंद पाया गया। यह अध्ययन हाल ही में जर्नल आफ अमेरिकन कालेज आफ कार्डियोलाजी में प्रकाशित भी हुआ।
दरअसल, देश में ज्यादातर लोग संतुलित और पौष्टिक आहार नहीं लेते। खानपान में अनाज अधिक शामिल होता है। इस वजह से हमारे खानपान में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है। दाल, बीन्स, हरी सब्जियां, पत्तियों वाली सब्जियां, पनीर व फलों का सेवन ज्यादा नहीं करते। मैदा से बने ब्रेड, समोसा, नूडल्स इत्यादि व तली हुई चीजों का सेवन भी ज्यादा करते हैं।
वहीं भूमध्यसागरीय क्षेत्र में पत्तियों वाली सब्जियों, फलों, लहसून, प्याज, मौसमी फल, मछली, डेरी उत्पाद का सेवन अधिक होता है। ये एंटीआक्सीडेंट होने के साथ-साथ सूजन रोधी होता है। इसलिए हृदय रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है। इसके मद्देनजर भारतीयों के अनुकूल आइएएमडी आहार की सूची तैयार कर मरीजों को सेवन करने के लिए कहा गया।
तीन महीने फालोअप के बाद पाया गया कि डायट्री इन्फ्लेमेट्री इंडेक्स (डीआइआइ) में कमी आई। ज्यादातर मरीजों ने बताया कि खानपान में उसे शामिल करना और घर में बनाना आसान है।marriage age,SRS 2023 report,women empowerment,delayed marriage,Madhya Pradesh marriage,female education,census directorate,social change india,rural urban marriage,girls marriage age
पीएसआरआइ हार्ट इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डा. केके तलवार ने भी हृदय से जुड़ी बीमारियों को रोकने के लिए प्रारंभिक जागरूकता, खानपान की स्वस्थ आदतों को अपनाने और परिवारों, स्कूलों व कार्यस्थलों पर तनाव प्रबंधन को जरूरी बताया है।
वहीं मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल के एसोसिएट डायरेक्टर और मिनिमली इनवेसिव हार्ट सर्जन डा. आदित्य कुमार सिंह ने कहा कि खान-पान की आदतों और दिनचर्या में सुधार करके हृदय रोग के जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
एचबीए1सी भी हो गया कम
अध्ययन में शामिल मरीजों की औसत उम्र 52 वर्ष थी और 49 प्रतिशत मरीज डायबिटीज से पीड़ित थे। तीन माह तक आहार का सेवन करने के बाद उनका एचबीए1सी कम हुआ। बीएमआइ (बाडी मास इंडेक्स) भी 25.3 से घटकर 24.7 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर हो गई। काेलेस्ट्रोल और शरीर में सूजन वाले आइएल-6 मार्कर कम हुए। इसलिए मोटापा, शुगर, कोलेस्ट्रोल और सूजन कम करने में मदद मिली।
इसके अलावा घ्रेलिन हार्मोन काफी कम हुआ, जिसे भूख के लिए जिम्मेदार माना जाता है। वहीं आहार में प्रोटीन, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन डी, फोलेट्स इत्यादि जैसे पोषक तत्व बढ़े, कार्बोहाइड्रेट व सैचुरेटेड फैट कम हुआ। अध्ययन में पाया गया कि लोग चाहें तो इसका इस्तेमाल आसनी से कर सकते हैं।
पालक-मेथी साग और कुट्टू का हलवा फायदेमंद
आहार में पालक, मेथी, सरसों का साग, बथुआ जैसी हरी पत्तिदार सब्जी, हरी सब्जियाें, बीन्स इत्यादि से बनी सब्जियां, कुट्टू का हलवा, धनिया, पुदीना, सेव का रायता, चुकंदर का रायता, लहसून, प्याज, गाजर, चुकंदर, पनीर, मिक्स सब्जी, दाल, मौसमी फल, अंड्डा, मछली, चिकन इत्यादि शामिल किया गया। मछली व चिकन को पालक व मेथी के साथ सेवन करने की सलाह दी गई। वेब पोर्टल (iamdiet.in) पर सुबह चाय, फिर नाश्ता, दोपहर में भोजन, शाम को चाय व रात को भोजन का पूरा मेन्यू देखा जा सकता है।
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