एक साथ 68 हजार बालिकाएं मंच पर उतरीं
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की करीब 68,000 बालिकाएं रविवार को एक साथ मंच पर उतरीं और नुक्कड़ नाटक के जरिये समाज को जागरूक करने का सशक्त संदेश दिया। मिशन शक्ति 5.0 के तहत आयोजित इस अनूठे कार्यक्रम में दहेज, बाल विवाह और बाल श्रम जैसी कुरीतियों को केंद्र में रखकर प्रस्तुतियां दी गईं। अभिनय में बालिकाओं का आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता साफ झलकी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मिशन शक्ति के तहत नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से बालिकाओं ने स्पष्ट किया कि दहेज बेटी के सम्मान को नहीं बढ़ाता, उसकी असली पहचान शिक्षा और योग्यता से है। बाल विवाह पर प्रस्तुतियों में संदेश दिया गया कि यह कानूनन अपराध है और नाबालिग लड़कियों के भविष्य के लिए सबसे बड़ी बाधा भी।new-delhi-city-local,New Delhi City news,Delhi Jal Board CEO,Pathan Mahal demolition,Historical site controversy,Human resources training center,Engineering training center,Udit Prakash Rai suspension,Archaeological Department Delhi,Corruption allegations Delhi,Government housing controversy,Delhi news
वहीं, बाल श्रम पर आधारित नाटकों ने बताया कि शिक्षा से वंचित बचपन केवल परिवार ही नहीं बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र के लिए गंभीर चुनौती है। कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं ने संवाद कौशल, टीमवर्क और नेतृत्व का परिचय दिया। पुलिस, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय की भागीदारी से बालिकाओं में सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत हुई।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने कहा कि बालिकाएं ही समाज में बदलाव की असली प्रेरणा हैं। जब बेटियां शिक्षा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ती हैं तो केवल उनका भविष्य नहीं बल्कि पूरा समाज और राष्ट्र भी प्रगति की ओर बढ़ता है।
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