युवाओं में तेजी से बढ़ रहा हृदय रोग, विशेषज्ञ की कमी। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। एक समय था जब हृदय रोग पचास साल से अधिक उम्र के लोगों में ही देखने को मिलते थे, लेकिन अब यह बीमारी युवाओं को भी तेजी से जकड़ रही है। जिले के नागरिक अस्पताल की ओपीडी में हर दिन औसतन दो से तीन मरीज हृदय रोग से संबंधित समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं, जिनमें 25 से 30 साल की उम्र के युवा भी शामिल हैं। चिकित्सकों के अनुसार बीते चार-पांच सालों में हृदय रोग के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कई मरीज चलते-चलते अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान और तनाव इस बीमारी के प्रमुख कारण हैं। हर पांचवां व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर और शुगर से जूझ रहा है। यदि इन बीमारियों को लंबे समय तक नियंत्रित न किया जाए तो यह हृदय रोग का कारण बन जाती हैं। हाई बीपी वाले मरीजों में शुगर होने की संभावना अधिक रहती है। यही वजह है कि युवाओं में हृदय रोग तेजी से पांव पसार रहा है। यदि लोगों ने समय रहते सावधानी नहीं बरती तो आने वाले वर्षों में हृदय रोग महामारी का रूप ले सकता है।
पांच सालों से नहीं मिला स्थाई हृदय रोग विशेषज्ञ एक अस्पताल में फिजिशियन होना जरूरी है। फिजिशियन के साथ वह हृदय रोग विशेषज्ञ भी होता है। लेकिन पिछले पांच सालों से यह पोस्ट खाली पड़ी है। ऐसे में फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में केवल छाती रोग विशेषज्ञ से ही काम चलाया जा रहा है।
पिछले दिनों फिजिशियन डाक्टर आया था लेकिन कुछ ही महीनों के बाद यहां से चला गया। ऐसे में यह पोस्ट खाली पड़ी है। इसके अलावा कोई भी हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर नहीं है। ऐसे में मरीजों को केवल रेफर ही किया जा रहा है। अगर थोड़ी दिक्कत होती है तो इसीजी की जाती है और रिपोर्ट देखकर रेफर कर दिया जाता है।
फास्ट फूड ने बिगाड़ा स्वास्थ्य पहले केवल शहरों में फास्ट फूड का प्रचलन अधिक था, लेकिन अब तो गांवों में भी फास्ट फूड की दुकाने खुल गई है। जिससे युवाओं का स्वास्थ्य बिगड़ है। चिकनाई की अधिक वस्तु खाने से फेटी लीवर बढ़ जाता है और बीपी हाई हो जाता है। जिससे एक समय ऐसा आता है जब खून गाडा होने लगता है और हार्ट अटैक की शिकायत भी आ जाती है। ऐसे में फास्ट फूड तुरंत छोड़ देना चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ रहे।
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हृदय रोग के ये है लक्षण छाती में दर्द सीने में जकड़न सांसों की कमी गर्दन, जबड़े, गले, पेट, पैर या बाजुओं में दर्द अनियमित दिल की धड़कन (धीमी या तेज) पैरों या भुजाओं में सुन्नपन चक्कर आना या बेहोशी थकान अधिक होना।
ये रखे सावधानियां
अधिक मात्रा में जंक फूड न खाए।
बीपी व शुगर की लगातार जांच करवाते रहे।
चाय का सेवन कम से कम करना चाहिए।
अगर छाती में दर्द है तो चिकित्सकों से जांच अवश्य करवाए।
डॉक्टर तब तक कहे दवाइयां का सेवन करता रहना चाहिए।
खानपान बदलने के कारण अब युवा भी इसकी चपेट में आने लग गए है। बीपी व शुगर को कंट्रोल करना सबसे जरूरी है। हृदय रोग से ग्रस्त मरीजों को इसमें अधिक ध्यान देने की जरूरत है। बीपी अधिक होगा तो हार्ट अटैक की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा 30 साल के बाद समय-समय पर जांच करवाना भी जरूरी है। डॉ. मुनीष टूटेजा, छाती रोग विशेषज्ञ फतेहाबाद।
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