ग्रेटर नोएडा में सितंबर के अंत तक गर्मी जारी रहने से बिजली की मांग में वृद्धि हुई है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। सितंबर खत्म होने को है, लेकिन गर्मी अभी भी मई और जून जैसी ही है। बदलती गर्मी का असर बिजली की मांग पर भी पड़ रहा है। पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में औसत अंतर 25 से 100 मेगावाट के बीच है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रविवार से शनिवार तक अधिकतम बिजली की मांग ज्यादातर 700 मेगावाट के आसपास रही। तापमान को देखते हुए बिजली की मांग में कमी की उम्मीद कम ही है।
मौसम में बदलाव आमतौर पर सितंबर के अंत तक महसूस किया जाता है। इस साल अच्छे मानसून के बाद तापमान में गिरावट से उम्मीद जगी थी कि शायद सर्दी जल्दी आ जाएगी, लेकिन बदलती गर्मी ने इसे गलत साबित कर दिया है। शनिवार को भी लोग गर्मी और उमस से पसीने से तरबतर दिखे। कूलर और एयर कंडीशनर भी राहत नहीं दे रहे हैं।
बिजली की मांग पर मौसम का असर साफ दिखाई दे रहा है। इस हफ्ते चार दिन अधिकतम बिजली की मांग 700 मेगावाट से ज्यादा रही है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में बिजली की मांग ज्यादातर 600 से 650 मेगावाट के आसपास रही थी। पिछले साल की तुलना में इस साल बिजली की अधिकतम मांग में लगातार अंतर बढ़ रहा है।dehradun-city-general, Teachers Struggle Front, TET Compulsory, Teachers Service Security, All India Teachers Union, Uttarakhand Teachers, Central Government, Teachers Movement, Jantar Mantar Demonstration, Primary Mews, Junior High School Mews,uttarakhand news
नोएडा पावर कंपनी के प्रवक्ता मनोज झा का कहना है कि उच्च तापमान और आर्द्रता के कारण बिजली की मांग अपने अधिकतम स्तर पर चल रही है। तापमान में गिरावट आने तक मांग में कमी आने की कोई उम्मीद नहीं है। 27 सितंबर को बिजली की मांग पिछले साल के इसी दिन की तुलना में 114 मेगावाट अधिक दर्ज की गई।
इस वर्ष दर्ज की गई अधिकतम मांग की तिथि पिछले वर्ष दर्ज की गई अधिकतम मांग
तारीख इस वर्ष की अधिकतम मांग (मेगावाट) पिछले वर्ष की अधिकतम मांग (मेगावाट)
21 सितंबर
656.7
581.1
22 सितंबर
706.1
533.0
23 सितंबर
691.2
650.0
24 सितंबर
706.5
681.1
25 सितंबर
696.8
655.9
26 सितंबर
702.6
619.1
27 सितंबर
730.1
615.9
 |