सरस्वती नदी के पुनरुद्धार में उद्योगपतियों का भी मिला साथ। फोटो जागरण
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी के पुनरुद्धार की मुहिम को अब उद्योगपतियों का भी साथ मिलने लगा है। इसी कड़ी में इंटरसाफ्ट कंपनी के निदेशक संदीप पासे ने शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सरस्वती नदी के पुनरुद्धार के लिए 36 लाख रुपये का चेक सौंपा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह राशि कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड के तहत सरस्वती हैरिटेज विकास बोर्ड को दी गई है। संत कबीर कुटी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सहयोग राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में निजी भागीदारी का एक महत्वपूर्ण कदम है।
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लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी का पुनरुद्धार सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य विकास के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित कर आने वाली पीढ़ियों के लिए सहेज कर रखना भी है।
सरस्वती नदी के पुनरुद्धार के कार्य में जनसहयोग और निजी क्षेत्र की भागीदारी एक प्रेरणादायक उदाहरण है। इस अवसर पर सरस्वती हैरिटेज विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच और विदेश सहयोग विभाग के सलाहकार पवन चौधरी ने भी अपनी बात रखी।
धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि उनका लक्ष्य विलुप्त हुई सरस्वती नदी को दोबारा जीवित करना है। साथ ही उन सभी प्राचीन तीर्थ को खोजना है, जहां सरस्वती प्राचीन काल में बहती थी।
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