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आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज के छात्रों का इनोवेशन, अब डस्टबिन खुद जाएगा कचरा उठाने

LHC0088 2025-11-7 03:37:35 views 756

  

प्रतीकात्मक तस्वीर।



शालिनी देवरानी, दक्षिणी दिल्ली। सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन होने के बावजूद उसके आस-पास कचरे का ढेर नजर आता है। डस्टबिन बंद हो तो लोग इसे छूना नहीं चाहते और दूर से ही कचरा फेंककर निकल जाते हैं। इसी परेशानी के समाधान के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के आचार्य नरेंद्र देव काॅलेज के छात्रों ने जाइरोस्कोप आधारित \“स्मार्ट मूवेबल डस्टबिन\“ तैयार किया है। कचरा दिखते ही इस डस्टबिन का ढक्कन खुद खुल जाता है, इसलिए कचरा डालने के लिए इसे छूना नहीं पड़ता। वहीं, इसका एडवांस प्रोटोटाइप भी बनाया है, जो कचरे को देखकर खुद उसकी ओर बढ़ेगा और उसे उठा लेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कचरा फैलने से रोकने में मिलेगी मदद

यह स्मार्ट डस्टबिन अल्ट्रासोनिक सेंसर की मदद से डिटेक्शन सिस्टम के साथ तैयार किया गया है, जो इसकी तरफ फेंके जानी वाली वस्तु की गति, दिशा और दूरी का सटीक अनुमान लगाता है और उसकी तरफ बढ़कर कचरा उठाकर वापस अपनी जगह पर लौट आता है।

छात्रों के इस इनोवेशन और तकनीकी प्रोजेक्ट की मदद से सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है। कालेज में इलेक्ट्रानिक्स विभाग के द्वितीय वर्ष के छात्र कृष्ण तनेजा, रंजीत कुमार और यश माहेश्वरी ने प्रो. अमित गर्ग की मेंटरशिप में ये प्रोजेक्ट तैयार किया है।
कैमरे से देगा रियल टाइम माॅनिटरिंग

यह पूरा सेटअप बैटरी से चलता हैं, इसलिए पूरी तरह पोर्टेबल भी है। छात्र रंजीत कुमार बताते हैं कि इसमें ईएसपी32 कैमरा माॅड्यूल भी जोड़ा गया है, जो इसे रियल टाइम लाइव माॅनिटरिंग और स्मार्ट विजन फीचर्स से लैस बनाता है। भर जाने के बाद ये एलईडी और बजर की मदद से भी अलर्ट देता है।

ऐसे में इसकी जानकारी जुटाकर इन्हें तत्काल खाली कराया जा सकता है। सार्वजनिक स्थानों, अस्पतालों, पार्कों, स्कूलों और दफ्तरों में इसका उपयोग कर स्वच्छता बनाए रखने में मदद हो सकती है। वहीं स्कूलों में ये स्मार्ट डस्टबिन खेल-खेल में बच्चों को स्वच्छता के लिए जागरूक करने की दिशा में भी मददगार होंगे।
इस तरह करता है काम

स्मार्ट डस्टबिन में अर्डूइनो उनो मेन कंट्रोलर के तौर पर कार्य करता है। इसमें लगा एमपीयू 6050 सेंसर (जाइरोस्कोप एक्सेलेरोमीटर) फेंकी गई वस्तु की दिशा और गति का पता लगाता है, जबकि अल्ट्रासोनिक सेंसर दूरी को मापता है।

इस एकत्रित की गई जानकारी के आधार पर अर्डूइनो मोटर ड्राइवर के जरिए डीसी मोटरों को कंट्रोल करता है और डस्टबिन खुद ही पहियों की मदद से सही दिशा में जाकर कचरे को पकड़ लेता है।

कृष्ण तनेजा बताते हैं कि अभी तैयार प्रोटोटाइप में ये दो मीटर तक दूरी डिटेक्ट कर रहा है। ये बेसिक प्रोटोटाइप करीब 2 हजार रुपये में तैयार किया है इसमें कुछ सुधार और टेस्टिंग के बाद पेटेंट के लिए आवेदन करेंगे।

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