केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल।
जयप्रकाश रंजन, रोटोरूआ (न्यूजीलैंड)। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत सरकार की कोशिश है कि न्यूजीलैंड की प्रौद्योगिकी की मदद से भारत में छोटी-छोटी दुग्ध प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना की जाए। अभी भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर बातचीत चल रही है और यह मुद्दा दोनों देशों के बीच एक अहम विमर्श का केंद्र है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दो दिनों की लगातार वार्ता के बाद यहां गोयल ने संवाददाताओं को बताया कि वार्ता काफी सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ रही है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टाड मैकाले ने बताया कि वह ट्रेड वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए अगले हफ्ते फिर से भारत की यात्रा पर जा रहे हैं। मैकाले पिछले दो वर्षों के भीतर पांच बार भारत का दौरा कर चुके हैं, जो बताता है कि न्यूजीलैंड भारत के साथ कारोबारी समझ़ौते को लेकर कितना गंभीर है।
\“जल्द होगी एफटीए की घोषणा\“
वाणिज्य मंत्री गोयल की अगुआई में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, यूएई के साथ कारोबारी समझौते को अतिम रूप दिया है जबकि अभी अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, न्यूजीलैंड समेत कई देशों के साथ एफटीए की वार्ता तकरीबन अंतिम चरण में है।
गोयल ने न्यूजीलैंड के साथ चल रही वार्ता के बारे में बताया कि, पूरी उम्मीद है कि जल्द ही एफटीए की घोषणा हो जाएगी। चूंकि इस समझौते का असर दोनों देशों की स्थिति पर आने वाले कई दशकों तक होगा, इसलिए हम काफी संभल-संभल कर कदम उठा रहे हैं। लेकिन दोनों तरफ से इसको लेकर पूरी प्रतिबद्धता है। यह दोनों देशों के बीच सिर्फ कारोबारी ही नहीं बल्कि रणनीतिक व एक दूसरे की आम जनता के बीच भी प्रगाढ़ संबंधों की नई शुरुआत होगी।
मैकाले ने क्या कहा?
न्यूजीलैंड के कारोबार मंत्री टाड मैकाले ने कहा कि अभी दोनों देशों के बीच दो अरब डॉलर से भी कम का कारोबार होता है, जो इनकी क्षमताओं को देखते हुए काफी कम है। हालांकि, मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) के बाद भारत व न्यूजीलैंड का द्विपक्षीय कारोबार जल्द ही बढ़कर 20 अरब डालर का हो सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों देश एफटीए करने के विषय में अभी किसी कारोबारी लक्ष्य को लेकर विमर्श नहीं कर रहे हैं। इस संदर्भ में उन्होंने चीन के साथ एफटीए का उदाहरण दिया। आज चीन व न्यूजीलैंड के बीच 40 अरब डालर का कारोबार होता है।
व्यापार वार्ता के लिए पेरू से अगले चरण की बातचीत
वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत और दक्षिणी अमेरिकी देश पेरू के बीच अगले दौर की व्यापार वार्ता अगले साल जनवरी में नई दिल्ली में प्रस्तावित है। पेरू के साथ नौवें दौर की वार्ता पांच नवंबर को लीमा में संपन्न हुई। पेरू महत्वपूर्ण खनिजों का एक प्रमुख उत्पादक है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स, आटो और सौर ऊर्जा क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण इनपुट हैं।
पेरू में भारत के राजदूत विश्वास विदु सपकाल ने कहा कि यह समझौता महत्वपूर्ण खनिजों, फार्मास्यूटिकल्स, आटोमोबाइल, वस्त्र और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर पैदा करेगा।
मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्ष जनवरी 2026 में नई दिल्ली में प्रस्तावित अगले दौर की वार्ता से पहले लंबित मुद्दों के समाधान के लिए कुछ बैठकें आयोजित करने पर सहमत हुए हैं। इस बीच, भारत और चिली ने 27-30 अक्टूबर को सैंटियागो में आयोजित एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के लिए तीसरे दौर की वार्ता भी पूरी कर ली है।
मंत्रालय ने कहा, पेरू और चिली के साथ भारत का बढ़ता व्यापारिक जुड़ाव पारस्परिक रूप से लाभकारी और व्यापक आर्थिक सहयोग ढांचों के माध्यम से दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र के साथ मजबूत साझेदारी बनाने पर उसके रणनीतिक फोकस को दर्शाता है। भारत और चिली ने 2006 में एक अधिमान्य व्यापार समझौता (पीटीए) लागू किया था और अब एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के दायरे को बढ़ाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
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