deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

NGT ने उत्तरी रेलवे पर 2.06 करोड़ का जुर्माना बरकरार रखा, तुगलकाबाद शेड का दोबारा निरीक्षण करने का निर्देश_deltin51

Chikheang 2025-9-27 09:05:44 views 674

  एनजीटी ने उत्तरी रेलवे पर 2.06 करोड़ का जुर्माना बरकरार रखा





जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शुक्रवार को उत्तरी रेलवे की वह अर्जी खारिज कर दी, जिसमें उसने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा जारी नोटिस को चुनौती दी थी।

पीठ ने कहा कि अब अर्जी का कोई मतलब नहीं है क्योंकि डीपीसीसी पहले ही जुर्माने का आदेश पारित कर चुकी है और पर्यावरण मुआवजे की राशि निर्धारित कर दी गई है।

पीठ ने डीपीसीसी को निर्देश दिया कि छह हफ्तों के भीतर तुगलकाबाद शेड का दोबारा निरीक्षण कर यह रिपोर्ट पेश करे कि पर्यावरणीय मानकों का पालन हो रहा है या नहीं। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।



मामला तुगलकाबाद के डीजल लोकोमोटिव शेड से जुड़ा है। दिसंबर 2023 में जांच के दौरान पता चला कि यहां से बिना शोधित किए गंदा पानी ओखला नाले में छोड़ा जा रहा था और शेड संचालन की अनुमति लिए बिना चल रहा था। इसे रेड कैटेगरी यानी सर्वाधिक प्रदूषणकारी इकाइयों में रखा गया है।new-delhi-city-general,New Delhi City news, ,Delhi landfill clearance,MCD waste management,Ghazipur landfill,Bhalswa landfill,Okhla landfill,Delhi garbage disposal,New Delhi City waste management,Landfill remediation project,Delhi pollution control,Delhi news   विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

डीपीसीसी ने रेलवे को नोटिस देकर सफाई मांगी थी। जवाब असंतोषजनक मिलने पर समिति ने 18 दिसंबर 2023 से 15 मई 2025 तक कुल 515 दिनों के लिए रोजाना 40 हजार रुपये के हिसाब से 2.06 करोड़ रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया।



डीपीसीसी की नीति के मुताबिक संचालन की अनुमति लिए बिना संचालन करने पर यह जुर्माना दोगुना कर दिया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि रेलवे ने मई 2025 में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाया, लेकिन तब तक लंबे समय तक नियमों का उल्लंघन हुआ।

रेलवे ने दलील दी कि उसने मई 2025 में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाया है और पानी का शोधन किया जा रहा है। रेलवे ने आरोप लगाया कि असल में स्थानीय निकायों के सीवर से गंदा पानी नाले में मिल रहा है और दोष केवल रेलवे पर थोपा जा रहा है।



रेलवे ने दलील दी कि डीपीसीसी ने उसके संचालन की अनुमति आवेदन पर समय रहते फैसला नहीं किया।

like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

310K

Threads

0

Posts

910K

Credits

Forum Veteran

Credits
90644