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समुद्री आत्मा की गौरवगाथा को लोगों तक पहुंचाएगा नौसेना संग्रहालय, सीएम ने की संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक

cy520520 5 day(s) ago views 1155

  



राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लखनऊ में बन रहा नौसेना शौर्य संग्रहालय भारत की समुद्री आत्मा की गौरवगाथा को जन-जन तक पहुंचाएगा। उन्होंने संग्रहालय का निर्माण शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।

साथ ही कहा कि यह संग्रहालय भारतीय नौसेना की अदम्य शौर्यगाथाओं और हिंद महासागर में भारत की सामुद्रिक क्षमता का जीवंत प्रतीक बनेगा। समुद्र भारत की सभ्यता का मंथन स्थल रहा है, और भारतीय नौसेना उस गौरवशाली परंपरा की आधुनिक अभिव्यक्ति है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

गुरुवार को उन्होंने अपने सरकारी आवास पर संस्कृति विभाग और नौसेना संग्रहालय के निर्माण की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संग्रहालय को केवल देखने योग्य नहीं बल्कि अनुभव का केंद्र बनाया जाए, जिससे दर्शक इतिहास को महसूस कर सकें।

उन्होंने निर्देश दिए कि डिस्प्ले में डिजिटल, इंटरएक्टिव और इमर्सिव (निमग्न) तकनीकी का प्रयोग हो, ताकि लोग नौसेना के अभियान, युद्ध और प्रगति को प्रत्यक्ष अनुभव कर सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि नौसेना संग्रहालय में छत्रपति शिवाजी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने ‘नौसेना शौर्य वाटिका’ को परियोजना का विशेष आकर्षण बताते हुए इसके शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए। इस वाटिका में 29 वर्षों तक नौसेना की समुद्री निगरानी और आपदा राहत अभियानों में सक्रिय रहे टीयू-142 विमान को भी स्थापित किया जाएगा।

साथ ही सी किंग एसके-42बी हेलीकाप्टर को भी प्रदर्शित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वाटिका युवाओं को आधुनिक नौसैनिक अभियानों और प्रौद्योगिकी से जोड़ने वाला सजीव अनुभव स्थल बनेगी।

बैठक में अधिकारियों ने बताया गया कि संग्रहालय का स्वरूप एक जहाज के अमूर्त रूप में होगा। जहाज की रेलिंग, पोर्थोल जैसी खिड़कियां, नौसैनिक वास्तुकला और समुद्री प्रतीकों के साथ इसे विशिष्ट पहचान दिये जाने की योजना है। परिसर में इंटरप्रिटेशन सेंटर (व्याख्यान केंद्र), ओपन एयर मेमोरियल, थीमैटिक वाकवे, प्रदर्शनी गैलरी, फाउंटेन और लाइट-एंड-साउंड एरिना शामिल होंगे।  

यह परियोजना दो प्रमुख हिस्सों में विकसित की जा रही है। पहले हिस्से में आइएनएस गोमती शौर्य स्मारक और दूसरे में नौसेना शौर्य वाटिका स्थापित की जाएगी। आइएनएस गोमती (एफ-21) गोदावरी श्रेणी का स्वदेशी मिसाइल फ्रिगेट (प्रक्षेपास्त्र युद्धपोत) है, जिसने 34 वर्षों तक भारतीय नौसेना में सेवा दी और ‘आपरेशन कैक्टस’, ‘आपरेशन पराक्रम’ जैसे अभियानों में भाग लिया। इसे संरक्षित कर संग्रहालय परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा।

परियोजना की निगरानी के लिए पर्यटन विभाग के महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। समिति में मेरिटाइम हेरिटेज सोसाइटी, यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन और नौसेना विशेषज्ञ शामिल हैं।

संग्रहालय में यह होगा खास

संग्रहालय में 7डी थिएटर, एयरक्राफ्ट कैरियर लैंडिंग सिम्युलेटर, वारशिप सिम्युलेटर, सबमर्ज्ड द्वारका माडल, डिजिटल वाटर स्क्रीन शो, मरीन लाइफ एक्वेरियम तथा ड्रेस लाइक योर हीरोज जैसी गतिविधियां होंगी। नौसेना के वीरता पुरस्कारों, ऐतिहासिक अभियानों और स्वदेशी रक्षा नवाचारों को गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा।
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