कला व संगीत में परचम लहरा रहीं बेटियां
मनीष कुमार, औरंगाबाद। युवतियों की इस टोली की सुरीली आवाज जब कंठ से निकलती है तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। जब आवाज शांत होती है तो कार्यक्रम स्थल तालियों की आवाज से गुंज उठता है। गायन ने युवतियों के जीवन को पहचान और नई उड़ान दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शहर के दानिका संगीत कला केंद्र की युवतियों की टोली आज कला और संगीत की दुनिया में अपना परचम लहरा रही है। हारमोनियम की थाप पर जब अंगुली थिरकती है उनकी अंगुलियां और स्वर लहरियों का संगम हर दर्शक को मंत्रमुग्ध करता है। टोली में शिवांगी सिंह, अंजली सिंह, सृष्टि लक्ष्मी, खुशबू कुमारी, प्रतिमा कुमारी शामिल रहे।
जीत चुकी हैं कई पुरस्कार
टोली में शामिल युवतियों बिहार ही नहीं दूसरे राज्य के महोत्सव और कला मंच पर पुरस्कार जीत चुकी हैं। बिहार युवा उत्सव 2022 में प्रथम पुरस्कार प्राप्त की थीं। बैंग्लोर में वर्ष 2023 में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में चौथा पुरस्कार जीता था। कला संस्कृति और पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन के द्वारा जिले में आयोजित महोत्सव से लेकर अन्य कार्यक्रमों के मंच पर यह टोली पुरस्कृत किए गए हैं।
जिले से बाहर राजगीर, बौद्ध, वैशाली महोत्सव के अलावा अन्य जिलों में मंच पर सम्मानित किए गए हैं। ये बेटियां अब राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी दर्ज करा चुकी हैं। इनकी प्रतिभा को देखकर न सिर्फ स्थानीय लोग प्रशंसा करते हैं, बल्कि बाहर से आए श्रोता इनकी तारीफ करते नहीं थकते हैं।
संस्कृति के क्षेत्र में मिली नई उड़ान
युवतियों की टोली के नेतृत्वकर्ता शिवांगी सिंह का कहना है कि अभी कला संस्कृति के क्षेत्र में उनकी उड़ान बाकी है। उनकी समूह की युवतियां संगीत की ऊंचाइयों को छूना चाहती हैं और इसे ही अपने जीवन का उद्देश्य मानती हैं। हालांकि, उन्होंने संगीत में बढ़ती अश्लीलता पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है और सच्चे कलाकारों का कर्तव्य है कि वे संगीत को उसकी गरिमा के साथ आगे बढ़ाएं।Madharaasi OTT Release, Madharasi on OTT, Madharasi on Prime Video, Madharasi cast, Madharasi story, Madharasi Review, Madharasi OTT Release Date, when and where to watch Madharasi , Sivakartikayan, शिवकार्तिकेयन, मद्रासी, bollywood movie, south movie on ott
संगीत कला केंद्र से प्राप्त की है प्रशिक्षण
शहर के दानी बिगहा दानिका संगीत कला केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त की है। इसी केंद्र ने उन्हें स्वर-साधना की राह दिखाई और मंच पर आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति देने का हुनर सिखाया। मेहनत और लग्न का ही नतीजा है कि उन्हें अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। आज ये बेटियां न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे औरंगाबाद जिले का नाम रोशन कर रही हैं।
समाज को इनसे बड़ी उम्मीदें हैं कि आने वाले समय में वे संगीत की दुनिया में और भी ऊंचा मुकाम हासिल करेंगी। इनके गुरु डा. रविंद्र कुमार कहते हैं कि कला केे क्षेत्र में रोजगार छिपा है। युवतियों का यह समूह कला से अपनी जीवन संवार रहीं हैं। अपनी पहचान बनाए हैं।
जिले में कला संस्कृति व पर्यटन विभाग से महोत्सव होती है तो इस समूह को भेजा जाता है। कला का प्रदर्शन करते हैं और पुरस्कार जीतकर जिले का पहचान दिलाते हैं। यूपी के लखनऊ तक इन्हें भेजा गया है।
कुमार पप्पू राज, जिला कला संस्कृति पदाधिकारी, औरंगाबाद।
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