deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

बिहार नाव हादसा: मां-बेटी की एक साथ चिता सजते ही नम हुई आंखें, चीख-पुकार से दहल उठी बस्ती

cy520520 2025-9-26 12:35:51 views 1089

  मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल। (जागरण)





संजय कुमार, छातापुर (सुपौल)। त्रिवेणीगंज प्रखंड के गुड़िया पंचायत के बेलापट्टी वार्ड नंबर एक में मिरचैया नदी की लहरें उस शाम गवाह बनीं, जब नाव हादसे ने एक साथ पांच औरतों की जिंदगी लील ली।

हादसा सिर्फ पानी में डूबने का नहीं था, बल्कि कई घरों की उम्मीदों, सहारों और रिश्तों के टूट जाने का मंजर था। एक ही परिवार की तीन बहुएं, पड़ोस की मां-बेटी चकला वार्ड संख्या दो की बस्ती उस वक्त चीख-पुकार से गूंज उठी, जब खबर आई कि एक परिवार की तीन बहुएं मंजू, ममता और अवधि कभी लौटकर नहीं आएंगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



वहीं, बस्ती जहां रोज चूल्हे-चौके की खटपट सुनाई देती थी, अब मातमी सन्नाटे में डूब गई है। इसके साथ ही मटर मुखिया की पत्नी संजन देवी और उनकी पुत्री काजल भी हादसे की शिकार हो गईं।

काजल कुछ ही दिनों के लिए मायके आई थी, लेकिन किसे पता था कि यह उसका अंतिम पड़ाव होगा। मां-बेटी की एक साथ चिता सजने की तैयारी ने पूरे गांव की आंखें नम कर दी हैं।
बिखरे सपने, टूटा सहारा

सबसे दर्दनाक स्थिति अवधि देवी के घर की है। पति पहले से मानसिक रूप से विक्षिप्त, अब दो मासूम बच्चों से मां का साया भी उठ गया।Aaj Ka Love Rashifal, Aaj Ka Love Rashifal 26 September 2025, 26 September love horoscope, Aries love prediction, Cancer love forecast, daily zodiac love, 26 September relationship horoscope, love astrology today, romantic zodiac signs



ममता देवी अपने पति के परदेस में रहने के कारण मजदूरी कर तीन पुत्रियों का भरण-पोषण कर रही थी। वहीं मंजू देवी अपने पति नरेश के साथ गांव में ही संघर्ष का जीवन जी रही थी। अब इन तीनों घरों से एक साथ अर्थियां उठी हैं, जिसने पूरे गांव को हिला दिया।
लोगों का गुस्सा और सरकार पर सवाल

हादसे के बाद नदी किनारे जुटी भीड़ में गुस्सा साफ झलक रहा था। कोई नाविकों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहा था, तो कोई नदी पर पुल नहीं बनने के कारण इस हादसे को प्रशासन की नाकामी बता रहा था। सवाल बड़ा है कितनी और जिंदगियां जाएंगी, तब जाकर सरकार पुल बनाने की ठान पाएगी?


प्रशासन की कार्रवाई

एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों ने 40 घंटे की मशक्कत के बाद चार लापता शवों को नदी से बाहर निकाला। मौके पर पहुंचे अधिकारी कह रहे हैं कि मुआवजा और जांच की कार्रवाई होगी। मगर गांव वालों का दर्द सिर्फ पैसों से नहीं भरेगा यह तो उस कमी का दर्द है, जो अब हमेशा के लिए रह जाएगा।

मिरचैया नदी की धारा में डूबीं पांच औरतें सिर्फ किसी की मां, पत्नी या बहू नहीं थीं वे कई घरों का सहारा थीं। उनकी असमय मौत ने सवाल छोड़ दिया है कि आखिर कब तक लोग लापरवाही, संसाधनों की कमी और प्रशासनिक उदासीनता की भेंट चढ़ते रहेंगे।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

Forum Veteran

Credits
68436