रात दो बजे डिवाइडर से टकराकर पलटी ट्रैक्टर ट्राली, पिता-पुत्र की मौत: संशोधित
संवाद सूत्र, सरूरपुर (मेरठ)। करनाल हाईवे पर बुधवार रात 1:50 मिनट पर ओवर साइज पराली से भरी ट्रैक्टर ट्राली डिवाइडर से टकराकर पलट गई। डिवाइडर से टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्राली और टैक्टर दोनों अलग-अलग हो गए। ट्रैक्टर के ऊपर ट्राली चढ़ गईं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दोनों के बीच में फंस जाने से चालक की मौत हो गईं, जबकि चालक के पिता उछलकर दूसरी साइड गिर गए, जिन्हें किसी अन्य वाहन ने कुचल दिया। हादसे की वजह चालक को नींद की झपकी आना माना जा रहा है। हैरत की बात है कि कई थाने और चौकी पार कर ओवर साइज पराली से भरी ट्रैक्टर ट्राली मेरठ की सीमा तक कैसे पहुंच गई?
शामली के थाना झिंझाना के गांव रंगाना निवासी 48 वर्षीय सतीश पुत्र मेवाराम पराली की सप्लाई करते हैं। बुधवार देर रात बड़े बेटे 21 वर्षीय गौरव के साथ सतीश ट्रैक्टर-ट्राली में पराली भरकर सरधना के लिए निकले थें। गौरव ट्रैक्टर चला रहे थे और सतीश बराबर में सीट पर बैठे हुए थें।
रात करीब 1:50 पर मेरठ करनाल हाईवे पर गोटका गांव के समीप पहुंचे थे। तभी अचानक ट्रैक्टर डिवाइटर से टकराया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रैक्टर ट्राली अलग अलग हो गए। उसके बाद ट्रैक्टर के ऊपर ट्राली चढ़ गईं और पूरी सड़क पर पराली बिखर गईं।
गौरव ट्रैक्टर और ट्राली के बीच में फंस गया। रात के समय काफी देर तक फंसा होने की वजह से उसकी मौत हो गईं, जबकि ट्रैक्टर की सीट से उछलकर सतीश सड़क के दूसरी तरफ गिर गए, जहां पर अन्य वाहन ने उन्हें कुचल दिया।
इसी बीच रात की चेकिंग के समय एसओ सरूरपुर अजय शुक्ला घूम रहे थे। हादसे की जानकारी मिलने के बाद तत्काल मौके पर पहुंचे। करीब 15 मिनट तक उन्हें ट्रैक्टर का पता ही नहीं चला है। पराली हटाने के बाद ही ट्राली के नीचे से ट्रैक्टर निकला। उसके बाद गौरव के शव को भी निकाला गया।
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पुलिस मानकर चल रही है कि गौरव का नींद की झपकी आने की वजह से ट्रैक्टर डिवाइडर पर चढ़ गया, जिस समय घटना हुई हैं, उस वक्त ट्रैक्टर की गति भी काफी तेज थी। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
ओवर साइज ट्रैक्टर ट्राली थानों और चौकी की सीमाओं को पार कर गई
हादसे के बाद करनाल हाईवे पर एक साइड पर पराली फैल जाने से मार्ग बंद हो गया था। पुलिस ने रात में ही जेसीबी को बुलाकर पराली हटाने के बाद मार्ग सुचारू कराया। उसके बाद ही ट्रैक्टर और ट्राली के नीचे से गौरव का शव निकाला गया। सुबह पांच बजे ही यातायात पूरी तरह से संचालित हुआ।
ट्राली काफी छोटी होने के बाद पराली पूरी तरह से भरी हुई थी। साइज इतना बड़ा था कि ट्राली ने पूरी सड़क को घेर लिया था, जबकि शामली के झिंझाना थाने से निकली ट्राली थाना भवन से लेकर शामली कोतवाली समेत पांच थानों की सीमा से ट्राली निकल कर मेरठ के सरूरपुर की सीमा में प्रवेश कर गई थी, जबकि करीब बीस से ज्यादा चेक पोस्ट भी इस मार्ग पर पड़ती है।
किसी ने ट्राली को बीच में नहीं रोका है। एसपी देहात अभिजीत कुमार का कहना है कि हादसे के बाद पूरे मामले की विस्तार से जांच की जा रही है। परिवार की तरफ से कोई तहरीर नहीं देने पर मुकदमा नहीं लिखा गया है। पुलिस ने जीडी में तस्करा डाल दिया।
15 मिनट तक चालक और ट्रैक्टर को तलाशते रहे लोग
पूरी सड़क पर पराली बिखरी पड़ी थी। ट्रैक्टर के ऊपर ट्राली चढ़ गईं थी। ऐसे में ट्रैक्टर और चालक का पता नहीं चल पा रहा था। करीब 15 मिनट तक लोगों ने दोनों की तलाश की। पराली को जेसीबी से हटाने के बाद ही ट्रैक्टर और चालक गौरव के शव को निकाला गया। जेब से मिले मोबाइल नंबरों से उनके परिवार को सूचना दी गई। सुबह ही परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। शाम के शव शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद लौट गए। |