राज्य ब्यूरो, लखनऊ। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की आयुक्त रोशन जैकब ने संगठित रूप से मिलावटी खाद्य पदार्थों के निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री करने वाले कारोबारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। जिन क्षेत्रों में इनके नेटवर्क सक्रिय हैं, वहां गैंगस्टर और आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए जिला मजिस्ट्रेट को संस्तुति की जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
इससे पहले वर्ष 2010-11 में भी एफएसडीए ने संगठित रूप से मिलावट का नेटवर्क चलाने वालों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की संस्तुति की थी। अब एक बार फिर मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।   
 
एफएसडीए के अधिकारियों के अनुसार आठ से 17 अक्टूबर तक चले विशेष अभियान में कई ऐसे नेटवर्क का पता चला है। इनकी जांच की जा रही है। गड़बड़ी मिली तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर आयुक्त ने कहा कि निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठान में कमी का पता चलने पर नोटिस दिया जाएगा।  
 
सुधार न हुआ तो लाइसेंस निलंबित करके खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने खाद्य पदार्थ बेचने वाले सभी प्रतिष्ठानों पर फूड सेफ्टी स्टीकर अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए हैं।  
 
इस स्टीकर पर दुकान का नाम, मोबाइल नंबर, एफएसडीए का टोल फ्री नंबर और फूड सेफ्टी कनेक्ट एप का क्यूआर कोड की जानकारी भी देनी होगी। जिससे कोई भी उपभोक्ता मौके पर ही अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा।   
 
रोशन जैकब ने बताया कि विशेष अभियान के बाद भी खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच की कार्रवाई जारी रहेगी। अधिकारियों को अनावश्यक निरीक्षण या नमूना न लेने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे कारोबारियों और जनता को असुविधा न हो।  
 
इसके अलावा छोटे प्रतिष्ठान या वेंडर के यहां बार-बार नमूना लेकर उत्पीड़न किया गया तो अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। सभी को मुख्यालय न छोड़ने और मिलावटी खाद्य पदार्थ की सूचना या शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।   
 
फूड सेफ्टी वैन से कराएं मिलावट की जांच  
 
एफएसडीए की फूड सेफ्टी वैन से खोया, पनीर, दूध आदि खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच कोई भी करा सकता है। ये मंडल मुख्यालय और बड़े जिलों के मुख्य बाजारों में उपलब्ध रहेंगे। संयुक्त खाद्य सुरक्षा आयुक्त हरिशंकर सिंह ने बताया कि एफएसडीए के पास 36 फूड सेफ्टी वैन हैं।  
 
इनमें से 18 सभी मंडल मुख्यालयों पर जांच के लिए उपलब्ध हैं। इसके अलावा 18 अन्य बड़े जिलों के मुख्य बाजारों में तैनात किए गए हैं। ग्राहक के साथ ही दुकानदार भी अपने कच्चे माल में मिलावट की जांच इन वैन से करा सकते हैं। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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