ओडिशा में बेटे ने मां के शव को मोटरसाइकिल पर ढोया। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के नवरंगपुर जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। रायघर ब्लॉक के कुंदेई पंचायत क्षेत्र में एक बेटे ने अपनी मां का शव मोटरसाइकिल पर रखकर करीब पांच किलोमीटर दूर तक ले गया। इस पूरे वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मच गया और लोगों में आक्रोश फैल गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बेटी के घर रह रही थी मृतका
मृतका की पहचान भानु बाई राउत के रूप में हुई है। मूल रूप से वह संबलपुर की रहने वाली थीं और पिछले पांच सालों से अपनी बेटी के घर रह रही थीं। परिवारिक रिश्तों में कड़वाहट के चलते अपने बेटेसे दूरी बनी हुई थी। बुजुर्ग अवस्था की बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हुई।
शव वाहन का सहारा नहीं लिया बेटे ने
जानकारी के मुताबिक, मां की मौत की सूचना मिलने पर बेटे ने शव को अपने घर ले जाने का निर्णय लिया। लेकिन शव वाहन सेवा का सहारा लेने के बजाय उसने मृतका को मोटरसाइकिल पर रखकर ही पांच किलोमीटर का सफर तय किया। यह दृश्य देखकर स्थानीय लोग स्तब्ध रह गए।
वीडियो वायरल, उठे सवाल
वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आते ही लोग भड़क उठे और बेटे के इस कदम को मां के प्रति अपमानजनक बताया। सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब सरकार द्वारा निःशुल्क शव वाहन सेवा उपलब्ध है, तो फिर बेटे ने उसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया।jhajjar-state,Raid, four samples of medicines collected, Jhajjar drug store raid, agriculture department inspection, drug sample collection, Haryana agriculture department, Badli drug stores, Bahadurgarh drug stores, Jhajjar news, drug quality control,Haryana news
प्रशासन और सरकार पर भी सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सरकारी सेवाओं की जानकारी ग्रामीणों तक सही तरीके से पहुंचाई जाती, तो शायद ऐसी नौबत न आती। इस मामले ने न सिर्फ बेटे की संवेदनहीनता, बल्कि प्रशासनिक जागरूकता अभियानों की कमजोरी को भी उजागर कर दिया है।
प्रशासन की सफाई
मामले के तूल पकड़ने के बाद स्थानीय प्रशासन ने सफाई दी है कि हर पंचायत और ब्लॉक स्तर पर शव वाहन सेवा उपलब्ध है, लेकिन कई बार लोग अनजान होने के कारण इनका इस्तेमाल नहीं कर पाते।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि आगे से जागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीणों को इस सुविधा की जानकारी दी जाएगी। यह घटना समाज और प्रशासन दोनों के लिए आईना है कि मृतकों के सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिए केवल योजनाएं बनाना पर्याप्त नहीं, बल्कि उनकी जानकारी लोगों तक पहुंचना भी उतना ही जरूरी है। |