बोलेरो से कुचलकर मां-बेटे की दर्दनाक मौत। जागरण फोटो
संवाद सूत्र, हरपालपुर। कुसुमखोर-श्रीमऊ मार्ग पर सड़क किनारे चारपाई डालकर सो रहे मां-बेटे समेत तीन लोगों को बाेलेरो ने कुचल दिया। हादसे में मां-बेटे की कुचलकर मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हाे गया। ग्रामीणों ने उसे हरपालपुर सीएचसी में भर्ती कराया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आक्रोशित स्वजन ने ग्रामीणों के साथ मिलकर सड़क पर जाम लगा दिया। चालक की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस के आश्वासन पर स्वजन के मानने पर पांच घंटे बाद जाम खुल सका।
अरवल के ग्राम जसमई के इंद्रपाल खेती करते थे। कुसुमखोर-श्रीमऊ मार्ग मार्ग के किनारे उनका मकान बना है। मार्ग चौड़ीकरण के दौरान मकान सड़क की सीमा में आ गया था। मकान के आगे हिस्से को गिरा दिया गया था। पीछे का एक कमरा बचा था।
उसी कमरे के आगे पन्नी तान कर इंद्रपाल परिवार समेत रहते हैं। इंद्रपाल ने बताया कि बुधवार रात पन्नी के नीचे उनकी पत्नी गायत्री और पुत्र प्रिंस सोए थे। पास ही दूसरी पन्नी के नीचे बड़े भाई कृष्ण कुमार सो रहे थे। देर रात तेज रफ्तार बोलेरो ने अनियंत्रित होकर तीनों को कुचल दिया। हादसे में गायत्री की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि प्रिंस ने सीएचसी पहुंचते दम तोड़ दिया।
कृष्ण कुमार का सीएचसी में उपचार चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बोलेरो चालक नशे में था। नशे के कारण संतुलन खो बैठा और हादसा हो गया। घटना से आक्रोशित स्वजन ने गांव के सामने सड़क जाम लगा दिया। स्वजन बोलेरो की बरामदगी और चालक की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे।
पुलिस के काफी समझाने पर स्वजन दो बजे रात में माने, तब जाकर जाम खुल सका। थाना प्रभारी अमित सिंह ने बताया कि बोलेरो को बरामद कर लिया गया है। चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। तहरीर के आधार पर एफआइआर दर्ज कर जांच की जा रही है।
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उजड़ इंद्रपाल का परिवार
ग्रामीणों का कहना है कि इंद्रपाल मेहनत मजदूरी कर परिवार को भरण पोषण करता है। करीब दो वर्ष पहले सड़क चौड़ीकरण में उसका आधा मकान टूट गया था। मुआवजा तो मिला था लेकिन टूटा मकान नहीं बन सका।
पन्नी डालकर आगे की जिदंगी शुरू की। सड़क पर एक रफ्तार ने पल भर में उसका परिवार उजड़ दिया। पत्नी-बेटे को खोने से इंद्रपाल पूरी तरह टूट सा गया है।
कानों में हादसे की आवाज गूंजी
ग्रामीणों ने बताया कि पूरा गांव सड़क के किनारे बसा है। अधिकांश मकान सड़क चौड़ीकरण में टूट गए थे। महंगाई के दौर में टूटा मकान बना नहीं सके, उसी के आगे पन्नी डाल कर रहने लगे। रात में पूरा गांव गहरी नींद में था। चालक ने नशे मेें बोलेरो दौड़ाई और पलक झपकते दो जिदंगियां चली गईं।
जबकि इंद्रपाल के आसपास के घरों के बाहर लेटे लोग बोलेरो की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए। आवाज कानों में गूंजने पर आंख खुली, सूझबूझ के साथ बोलेरो का पहले नंबर नोट दिया।
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