वेदांता लिमिटेड को कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) से बड़ी मंजूरी मिल गई है।  
 
  
 
नई दिल्ली| वेदांता लिमिटेड को कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) से बड़ी मंजूरी मिल गई है। कंपनी को जेपी ग्रुप की जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JP Associates Limited- JAL) को करीब 17,000 करोड़ रुपए में खरीदने की अनुमति मिल गई है। यह डील इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत होगी। इस सौदे से वेदांता अब माइनिंग और मेटल के कारोबार से आगे बढ़कर सीमेंट, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में कदम रखेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
जयप्रकाश एसोसिएट्स, जो कभी जेपी ग्रुप की प्रमुख कंपनी थी, लंबे समय से आर्थिक संकट में है। कंपनी पर 59,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। वेदांता की बोली इस संकटग्रस्त कंपनी के लिए सबसे ऊंची रही। इससे पहले अदाणी ग्रुप, डालमिया भारत, जिंदल पावर जैसी कंपनियां भी रेस में थीं, लेकिन फाइनल राउंड में सिर्फ वेदांता ने सबसे बड़ा ऑफर दिया।  
 
यह भी पढ़ें- 17000 करोड़ में वेदांता ने खरीदा, तो बढ़ने के बजाय जेपी एसोसिएट के शेयरों में रोज लोअर सर्किट क्यों लग रहा?  
3800 करोड़ रुपए का एडवांस पेमेंट  
 
वेदांता की डील में करीब 3,800 करोड़ रुपए एडवांस पेमेंट और अगले पांच साल तक हर साल 2,500 से 3,000 करोड़ रुपए की किश्तों में भुगतान शामिल है। इस हिसाब से बैंक और अन्य लेनदारों को करीब 71% का नुकसान (हेयरकट) झेलना पड़ सकता है।  
 
हालांकि, कई क्रेडिट एजेंसियों ने इस सौदे पर चिंता जताई है। फिच ग्रुप की इकाई क्रेडिटसाइट्स ने इस डील को वेदांता के लिए “क्रेडिट नेगेटिव” बताया है। रिपोर्ट में कहा गया कि जयप्रकाश एसोसिएट्स पर भारी कर्ज है, कंपनी का प्रदर्शन कमजोर है और वेदांता को इससे ज्यादा रणनीतिक फायदा नहीं मिलेगा।  
जेपी ग्रुप में करना पड़ेगा भारी निवेश  
 
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने भी कहा कि जेपी ग्रुप की ज्यादातर यूनिटें घाटे में चल रही हैं और इन्हें दोबारा खड़ा करने के लिए भारी निवेश की जरूरत होगी।  
 
हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वेदांता सही रणनीति से काम करे तो यह सौदा उसे इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बड़ा प्लेयर बना सकता है। CCI की मंजूरी के बाद अब निगाहें इस बात पर हैं कि वेदांता इस चुनौती को कितनी समझदारी से संभाल पाती है। |