Papankusha Ekadashi 2025: पापांकुश एकादशी पर करें ये काम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी का व्रत का बहुत ज्यादा महत्व रखता है। यह उपवास भगवान विष्णु को समर्पित है। पापांकुश एकादशी का व्रत अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है कि \“पाप\“ यानी पाप और \“अंकुश\“ यानी रोकना, यह एकादशी सभी पापों का नाश कर पुण्य फल देती है। वहीं, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के साथ-साथ कुछ विशेष स्थानों पर दीपक (Papankusha Ekadashi 2025 Deepak Rituals) जलाने की भी परंपरा है। माना जाता है कि ऐसा करने से श्री नारायण खुश होकर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्य द्वार
पापांकुश एकादशी तिथि पर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। यह दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
तुलसी का पौधा
तुलसी जी को भगवान विष्णु की प्रिया माना जाता है। कहा जाता है कि एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक जलाने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस उपाय से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मंदिर
पापांकुश एकादशी के दिन घर के पूजा स्थल या फिर मंदिर में दीपक जरूर जलाना चाहिए। यह दीपक भगवान विष्णु के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। कहते हैं कि इस दीपक को पूरी रात जलाकर रखने से विष्णु जी की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।VLF Mobster 135, 125 cc scooter, launch, price, design, premium features, specifications, India,
पीपल का पेड़
शास्त्रों के अनुसार, पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। अगर आपके घर के पास कोई पीपल का पेड़ है, तो एकादशी की शाम को उसके नीचे एक दीपक जरूर जलाएं। इस उपाय को करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है।
रसोई घर
रसोई घर को मां अन्नपूर्णा का वास स्थान माना जाता है। एकादशी के दिन रसोई घर में दीपक जलाने से घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती है। साथ ही घर में संपन्नता बनी रहती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |