जागरण संवाददाता, इटावा। जिले में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। छह तहसीलों में हजारों एकड़ भूमि पर कब्जे चिन्हित किए गए हैं। करीब 200 से अधिक मामले अभी लंबित हैं। इन पर कार्रवाई के लिए प्रशासन ने ‘श्रावस्ती माडल’ पर अभियान शुरू किया है। यह अभियान सप्ताह में मंगलवार और गुरुवार को संचालित किया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब तक करीब कई प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। प्रशासन का कहना है कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी अवैध कब्जे मुक्त नहीं हो जाते। कई स्थानों पर राजस्व विभाग, पुलिस और तहसील प्रशासन की संयुक्त टीमें मौके पर जाकर पैमाइश कर कब्जे हटाने का कार्य कर रही हैं। जिन मामलों में विवाद हैं, उन्हें राजस्व न्यायालयों में प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जा रहा है।
क्या कहते हैं आंकड़े
जिले में तहसीलों से मिले आंकड़ों के अनुसार भरथना तहसील में 87, चकरनगर में 19 मामले अवैध कब्जे से संबंधित चल रहे हैं। इसी तरह से ताखा, जसवंतनगर, सैफई और इटावा सदर तहसील में मिलाकर करीब 200 मामले अवैध कब्जे से संबंधित चल रहे हैं।
यह आंकड़े सिर्फ सरकारी जमीनों के हैं। जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी दशा में सरकारी भूमि पर नया कब्जा न होने पाए। साथ ही मुक्त कराई गई भूमि पर चिन्हांकन, वृक्षारोपण और सार्वजनिक उपयोग के कार्य कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि जमीन संबंधी मामलों के निस्तारण और अवैध कब्जा हटाने के लिए अभियान सप्ताह में दो दिन चलाया जाता है। अभी तक 634 ग्रामों में कुल 3417 प्रकरणों में भूमि विवादों के अंतर्गत 375 हेक्टेयर भूमि कब्जा मुक्त कराई जा चुकी है। इसमें सरकारी और निजी जमीनों दोनों तरह के कब्जे हटाए गए हैं।
क्या है श्रावस्ती माडल
श्रावस्ती माडल उत्तर प्रदेश में भूमि विवादों और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को प्रभावी ढंग से निपटाने के लिए अपनाया गया एक अभिनव प्रशासनिक तरीका है। इस माडल की शुरुआत श्रावस्ती जिले से हुई थी, जहां आइएएस अधिकारी निखिल चंद्र शुक्ला ने इसे लागू किया था। बाद में, इसके सकारात्मक परिणामों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे प्रदेश भर में लागू करने का निर्देश दिया।
इसके अंतर्गत राजस्व, पुलिस और विकास विभागों के अधिकारियों की संयुक्त टीमें बनाई जाती हैं। ये टीमें भूमि विवादों के स्थलों पर जाकर मौके पर ही समाधान करती हैं। टीमें विवादों का मौके पर ही सीमांकन, पैमाइश और दोनों पक्षों की सुनवाई करके त्वरित समाधान करती हैं।
राजस्व अभिलेखों की जांच करती हैं और यदि कोई भूमि सरकारी है, तो उस पर अवैध कब्जे को हटाती हैं। अवैध कब्जे हटाने के बाद, संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है, जिसमें जुर्माना और मुकदमे शामिल हैं। |