ओडिशा के इस गांव में किया नशे का कारोबार तो 20 साल तक नहीं मिलेगी एंट्री
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के कोमना ब्लॉक के तरबोड़ पंचायत के गोहिरापदर, धरमपुर और तरबोड़ के ग्रामीण नशामुक्त गांव बनाने के लिए एकजुट हुए हैं। गांव में नशीले पदार्थों की बिक्री करने पर 51 हजार रुपये जुर्माना और 20 साल तक गांव से निर्वासन का नियम तय किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं, नशीले पदार्थ बेचने वालों की सूचना देने वाले को 10 हजार रुपये का इनाम मिलेगा। अगर कोई नशा कर गांव में झगड़ा करेगा तो दोषी से 10 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। इस फैसले से जुड़े पोस्टर गांव की दीवारों पर चिपकाए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, तरबोड़ पंचायत क्षेत्र में अवैध शराब, गांजा और नशीली दवाएं आसानी से मिल रही हैं। नशा सुलभ होने से युवा वर्ग भटक रहा है। कई बार परिवारों में कलह और अशांति पैदा हो रही है।
कई परिवार आर्थिक संकट में
घर का कमाने वाला व्यक्ति रोज की आमदनी को नशे में खर्च कर देने से कई परिवार आर्थिक संकट में डूब रहे हैं। नशे के कारण विभिन्न बीमारियों से पीड़ित होकर धन और जीवन दोनों की हानि हो रही है।Fig Water,Fig Water Benefits,Fig Water Health Benefits,Benefits of Fig Water,Health Benefits of Fig Water,Fig Water for weight loss,Fig Water for Bone health,Fig Water in Morning Benefits,
गोहिरापदर गांव भी इसी समस्या से जूझ रहा है। इसलिए एक स्वस्थ समाज और गांव बनाने के उद्देश्य से गोहिरापदर में बैठक आयोजित हुई।
तहसील प्रमुख की अध्यक्षता में बैठक
तहसील प्रमुख की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गोहिरापदर, धरमपुर और तरबोड़ गांव के लोग शामिल हुए। गांव में नशे का कारोबार बंद करने का निर्णय बैठक में लिया गया। ग्रामीणों के इस फैसले का जिला कलेक्टर मधुसूदन दास ने स्वागत किया है।
गांव के भोला कांद, जगदीश साहू, युगल साहू, त्रिलोचन कांद, अर्जुन जगत, प्रसन्न कांद, कर्ण सबर, तपन तेजू, प्रमोद निआल, तेजराम बाघ, रंजीत बाघ, कार्तिक खर्सेल, रुपा सबर, राम प्रसाद सबर, बुधु माझी, गोपाल केतकी, भगत खर्सेल, अशोक प्रधान समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण इस बैठक में उपस्थित थे। |